-भाषा शैली और सुविधाओं को लेकर उठे सवाल
फर्रुखाबाद: डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय (Dr. Ram Manohar Lohia Hospital) में उस समय विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई जब अस्पताल में तैनात एक्स-आर्मी मैन सुरक्षा कर्मियों (security personnel) ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. अशोक प्रियदर्शी की भाषा शैली और व्यवहार को लेकर आपत्ति जताई। बुधवार को एक सुरक्षा कर्मी से बातचीत के दौरान सीएमएस द्वारा कथित रूप से ‘अवधी’ भाषा में की गई टिप्पणी ने पूरे सुरक्षा स्टाफ में असंतोष फैला दिया, जिसके चलते सभी सुरक्षा कर्मी एकजुट होकर ओपीडी परिसर में एकत्र हुए और सीएमएस से सीधी बातचीत की।
चिकित्सालय में तैनात ये पूर्व सैनिक विभिन्न विभागों, ओपीडी, इमरजेंसी और प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा व्यवस्था को संभालते हैं। उनका आरोप है कि सीएमएस डॉ. अशोक प्रियदर्शी उन्हें बार-बार अपमानजनक भाषा में संबोधित करते हैं और बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं कराते। सीएमएस डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सुरक्षा कर्मियों का कार्य अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, न कि ड्यूटी के दौरान कुर्सी पर बैठकर आराम करना। यह सेवा भावना और अनुशासन का कार्य है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि अस्पताल प्रशासन की तरफ से जितनी संभव सुविधाएं दी जा सकती हैं, वे दी जा रही हैं, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में अनुशासन और सक्रियता सर्वोपरि है। वार्ता के दौरान अस्पताल परिसर में कुछ समय के लिए तनाव का माहौल रहा, लेकिन किसी प्रकार की सेवा में बाधा नहीं आई। सुरक्षा कर्मियों ने साफ किया कि उनका उद्देश्य व्यवस्था को बाधित करना नहीं है, बल्कि सम्मानजनक व्यवहार और बुनियादी सुविधाओं की मांग करना है। बातचीत के बाद यह तय किया गया कि प्रशासन इस मसले पर एक आंतरिक समीक्षा बैठक करेगा और सभी बिंदुओं पर विचार किया जाएगा।