शमशाबाद। गंगा तट स्थित ढाईघाट पर लगने वाले कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारियों की पोल खुलने लगी है। कल्पवास के लिए पहुंचे श्रद्धालु बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। प्रशासनिक लापरवाही के कारण उन्हें पानी और शौच जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्राम पंचायत गुटेटी दक्षिण के गंगा किनारे स्थित शवदाह गृह के पास लगाए गए हैंडपंप और शौचालय पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। श्रद्धालुओं को हैंडपंप का हत्था टूटने के कारण लकड़ी लगाकर जुगाड़ से पानी निकालना पड़ रहा है। वहीं, अधिकांश शौचालय टूटे और गंदगी से भरे पड़े हैं, जिससे श्रद्धालुओं को खुले में शौच जाने की मजबूरी झेलनी पड़ रही है।
मेले में दूर-दूर से आए कल्पवासी अब तक अपने डेरों में असुविधा के बीच ठहरे हुए हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि हर साल की तरह इस बार भी प्रशासन केवल दिखावटी तैयारियों तक सीमित है। न तो सफाई की उचित व्यवस्था है, न ही पीने के पानी की कोई पुख्ता व्यवस्था।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से जल्द ही साफ-सफाई और सुविधाओं को दुरुस्त कराने की मांग की है ताकि कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को असुविधा न हो।
> श्रद्धालुओं ने कहा — “गंगा तट पर आस्था के साथ कल्पवास करने आए हैं, लेकिन यहां तो पानी तक नसीब नहीं। प्रशासन अगर समय रहते नहीं जागा तो श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचेगी।”





