फर्रुखाबाद। शमशाबाद क्षेत्र के ढाईघाट पुल के पास ग्रामीणों ने अधूरे पड़े ढाईघाट बांध को पूरा कराने की मांग को लेकर कल से धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर बांध का कार्य पूरा हो जाए, तो बाढ़ की विभीषिका से हर साल होने वाली फसलों की बर्बादी रोकी जा सकेगी और सैकड़ों बीघा जमीन सुरक्षित रहेगी।
ग्रामीणों ने बताया कि हर वर्ष बाढ़ आने से इलाके का आर्थिक जीवन चरमरा जाता है। खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो जाती हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। इसके साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं भी करीब दो महीने तक ठप पड़ जाती हैं, जिससे लोगों को पलायन तक करना पड़ता है।
अधूरे बांध की वजह से फर्रुखाबाद जनपद के नगला बसोला, भगवानपुर, बांसखेड़ा, पैलानी दक्षिण, नगरिया चितार, चौरा, फुला माखन नगला, हमीरपुर, गढ़ेया बनासपुर, सुगनापुर शरीफपुर, मंझा खुशालीनगरा, आजाद नगर मस्जिद नगला, मुंशी नगला, पश्चिमी नगला, सीता नगला समेत दर्जनों गांव हर साल बाढ़ की चपेट में आते हैं।
इसी तरह शाहजहांपुर जनपद के कासिम नगला, सिसैमा नगला, हेतमपुर, एतमादपुर, पिडरिया, बासखेड़ा, मोती नगला, कटेला नगला भरतपुर पैलानी, मुडिया खेड़ा, मुस्तफा नगर, बढौरा, शेरगंज और अन्य कई गांवों की स्थिति भी गंभीर है। ग्रामीणों का कहना है कि इन गांवों के लोगों का आर्थिक आधार बाढ़ के कारण खत्म हो गया है और वे रोजी-रोटी की तलाश में पलायन करने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों ने अपने ज्ञापन में बताया कि तत्कालीन मंत्री स्वर्गीय राममूर्ति वर्मा ने इस बांध की स्वीकृति दिलाकर कार्य शुरू कराया था, लेकिन बांध का निर्माण अधूरा रह गया। अब यह समस्या दोनों जनपदों के सैकड़ों गांवों के सामने मुसीबत बनकर खड़ी है।
धरना स्थल पर पहुंचे कायमगंज के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) ने ग्रामीणों से ज्ञापन प्राप्त कर आश्वासन दिया कि उनकी समस्या के समाधान के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
धरना प्रदर्शन में रामकुमार राठौर, सुरजीत गंगवार, राजपाल यादव, जुबेर खान, रिजवान प्रधान, इंद्रपाल यादव, रामशंकर मिश्रा, अकवन अंसारी, पर्वत सिंह राजपूत, न्हे सिंह यादव, सत्येंद्र सिंह, शिवराज, रामदास सहित अनेक वर्तमान और पूर्व प्रधानों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई कर अधूरे बांध का निर्माण पूरा कराने की मांग की।


