फर्रुखाबाद: जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता में गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार (Collectorate auditorium) में जनपद के प्रमुख धार्मिक स्थलों नींव करौरी धाम (Neev Karori Dham), संकिसा, कंपिल, पुठरी एवं अन्य ऐतिहासिक मंदिरों के समेकित विकास को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में नियुक्त आर्किटेक्ट द्वारा विकास योजनाओं, प्रस्तावित डिजाइनों तथा बुनियादी ढांचे से जुड़ी आवश्यकताओं का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया।
प्रस्तुतीकरण के दौरान जिलाधिकारी ने सभी स्थलों के धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व को ध्यान में रखते हुए योजनाओं को जनसुविधाओं से जोड़ने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि इन स्थलों का विकास इस तरह से किया जाए जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलें और धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिले। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को विकास कार्यों की रूपरेखा समयबद्ध ढंग से तैयार करने और स्थलों की पारंपरिक पहचान को यथावत रखने के निर्देश दिए।
बैठक में आर्किटेक्ट टीम ने नींव करौरी मंदिर के साथ-साथ कंपिल और संकिसा जैसे प्राचीन धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण, मार्ग सुधार, पार्किंग स्थल निर्माण, पेयजल व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था और तीर्थ यात्रियों के लिए विश्राम स्थलों की संभावनाओं पर भी चर्चा की।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक), जिला विकास अधिकारी, मुख्य कोषाधिकारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने जिलाधिकारी को अपने सुझाव दिए और विकास कार्यों को गति देने के लिए संयुक्त प्रयास करने की सहमति जताई।


