गोंडा। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से एक हैरान करने वाली ठगी का मामला सामने आया है। यहां साइबर अपराधियों ने किसी आम व्यक्ति को नहीं बल्कि एक डिप्टी डायरेक्टर को अपना शिकार बनाया है। अधिकारी को एक दो नहीं बल्कि पूरे 17 दिनों डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) किया था। इस दौरान उनसे 78 लाख 80 हजार रुपये की ठगी की गई है। आरोपियों ने संपत्ती जांच का डर दिखाकर इस ठगी को अंजाम दिया है। गोंडा साइबर क्राइम थाने ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पीड़िता रेशम विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि 15 की सुबह मुझे एक फोन आया और कहा गया कि आपके पर्सनल आधार कार्ड से एक एयरटेल की सिम ली गई है। यह सिम दिल्ली से ली गई है। फोन करने युवक ने बताया कि मैं अरविंद बोल रहा हूं। युवक ने बताया कि आपके नंबर से कई गैरकानूनी काम हुए हैं। आपके नंबर से लोगों से पैसे मांगने, धमकी देने और एमएमएस बनाकर ब्लैकमेल करने का काम किया गया है।
मनी लॉन्ड्रिंग का लगाया आरोप
इसके बाद गोंडा के अधिकारी की कथित तौर पर एक IPS अधिकारी से बात कराई गई। आईपीएस ने बताया कि एचडीएफसी बैंक में अशोक गुप्ता के अकाउंट में 68 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग की गई हैं। तुमने लेनदेन की कमीशन ली है। साथ ही अकाउंट बेचने के लिए तुमने अशोक का पांच लाख रुपये भी दिए हैं । फर्जी आईपीएस अधिकारी ने बताया कि आपके के खिलाफ 57 अन्य मामले दर्ज हैं। जिसकी जांच कथित आईपीएस राकेश कुमार को सौंपी गई है।
17 दिनों के लिए किया डिजिटल अरेस्ट
इसके बाद गोंडा के अधिकारी को फर्जी आईपीएस अधिकारी ने बताया कि आपको 15 जनवरी से 2 फरवरी तक डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है। साइबर अपराधियों ने अधिकारी से कहा कि आपको नई दिल्ली आकर जमानत करानी पड़ेगी। इसी बीच एक अन्य नंबर से अधिकारी को कॉल आई, जिसमें कहा गया कि जमानत के तौर पर आरबीआई के सस्पेंस अकाउंट में 9 लाख 80 हजार रुपये डाल दो।
78 लाख 80 हजार की ठगी
पीड़ित अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने पैसों के लेनदेन, नौकरी और संपत्ती जांच की धमकी देते हुए 78 लाख 80 हजार आरबीआई के सस्पेंस में डलवा कर ठग लिए। मुझे बोला जा रहा था कि धनराशि का 100 प्रतिशत वेरिफिकेशन कर वापस कर दिया जाएगा। मैंने डर कर दोस्तों, बैंक से कर्ज लेकर और जमीन बेचकर 78 लाख 80 हजार रुपये दिए हैं। पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि मैंने अजीत सिंह, बंटी भोंसले डेयरी फार्म, अलीम बिल्डिंग मटेरियल, नदीम अहमद, तसलीम, आरिफ, कबीर हुसैन, मोहम्मद हसन और कौशल सहित कई खाताधारकों के अकाउंट में धनराशि भेजी है।
घटना के बाद मामले में शिकायत दर्ज कर साइबर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी मनोज रावत ने बताया कि संपत्ती सत्यापन के नाम पर डिप्टी डायरेक्टर के साथ लाखों की ठगी हुई है। मामले की जांच के लिए टीम लगाई गई है।