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Sunday, September 21, 2025

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को लेकर जाएंगे रूस

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लखनऊ: काल्मिकिया रूस (Kalmykia Russia) में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का प्रदर्शन किया जाएगा -संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार 24 सितम्बर से एक अक्तूबर तक भगवान बुद्ध (Lord Buddha) के पवित्र अवशेषों का प्रदर्शन आयोजित कर रहा है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को रूस के कलमीकिया में 24 सितंबर से 1 अक्टूबर तक भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित एक प्रदर्शनी में ले जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

प्रतिनिधिमंडल 23 सितंबर को भारतीय वायु सेना के विमान से रूस के लिए रवाना होगा, जहाँ भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा (कपिलवस्तु) अवशेषों को प्रदर्शित किया जाएगा। मौर्य ने आज कहा कि कपिलवस्तु अवशेषों की अंतर्राष्ट्रीय यात्रा भारत की सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक कूटनीति का एक प्रभावी माध्यम होगी। उन्होंने बताया कि भगवान बुद्ध के अवशेषों की प्रदर्शनियाँ पहले थाईलैंड और वियतनाम में आयोजित की जा चुकी हैं। थाईलैंड और वियतनाम में हुई सफलता ने विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है।

उन्होंने आगे कहा कि रूस में यह प्रदर्शनी इस गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाएगी और भारत की सांस्कृतिक छवि को और निखारेगी। पवित्र अवशेषों के प्रदर्शन के महत्व पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे द्विपक्षीय संबंध मज़बूत होंगे और सांस्कृतिक एवं राजनीतिक संबंध और गहरे होंगे। इसका उद्देश्य सभ्यतागत विरासत को पुनर्स्थापित करना और भारत को बौद्ध धर्म के जन्मस्थान और संरक्षक के रूप में स्थापित करना भी है।

इसके अलावा, इसका उद्देश्य वैश्विक शांति और सद्भाव के वातावरण को मज़बूत करना और भगवान बुद्ध के करुणा, शांति और अहिंसा के संदेश को दुनिया भर में फैलाना है। उन्होंने बताया कि भगवान बुद्ध के कपिलवस्तु अवशेष पिपरहवा (उत्तर प्रदेश) से प्राप्त हुए थे, जो कपिलवस्तु के प्राचीन शहर से जुड़ा है। ये अवशेष पुरातात्विक रूप से प्रमाणित हैं।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि 25 से 28 सितंबर तक, कलमीकिया के एलिस्टा स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय में भगवान बुद्ध के जीवन की प्रमुख घटनाओं को दर्शाती मूल कलात्मक शैलियों में कृतियों की प्रतिकृतियाँ प्रदर्शित की जाएँगी। पिपरहवा अवशेषों पर एक लघु वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कलमीकिया रूस का एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ बौद्धों की बड़ी आबादी है।

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