– अव्यावहारिक प्रस्ताव को वापस लेने की मांग, कहा– व्यापारियों पर पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के बांट-माप (distribution measurement Department) विभाग द्वारा मरम्मत कार्य के लिए अधिकतम कर निर्धारण प्रस्ताव के विरोध में उपभोक्ता बांट माप व्यापारी वेलफेयर एसोसिएशन (Traders Welfare Association) के बैनर तले सोमवार को लाइसेंसधारी मरम्मतकर्ताओं (Licensed Repairmen) ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जिला मुख्यालय पर नारेबाजी करते हुए संबंधित अधिकारी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें प्रस्ताव को तत्काल निरस्त करने की मांग की गई।
ज्ञापन में कहा गया कि मरम्मत शुल्क व्यापारी और ग्राहक के बीच आपसी सहमति से तय होता है, ऐसे में शुल्क पर अधिकतम सीमा तय करना अव्यावहारिक और अनुचित है। संगठन का कहना है कि हर व्यापारी की कार्यशैली, संसाधन, गुणवत्ता और व्यापारिक क्षमता अलग होती है। ऐसे में सभी पर एक समान कर व्यवस्था लागू करना व्यवहारिक नहीं है। ज्ञापन में लिखा गया कि “हर ग्राहक की आवश्यकताएं अलग होती हैं और मरम्मत कार्य भी बांट-माप की स्थिति पर निर्भर करता है, इसलिए तयशुदा अधिकतम शुल्क से व्यवसाय पर सीधा असर पड़ेगा।”
प्रदर्शनकारियों ने यह भी तर्क दिया कि लाइसेंसी व्यापारियों को बाजार प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए कभी-कभी कम शुल्क लेकर भी काम करना पड़ता है, तो कभी अधिक मेहनत के अनुसार शुल्क बढ़ाना होता है। यह एक गतिशील प्रक्रिया है, जिसे नियमबद्ध कर सीमित करना न तो व्यापार हित में है और न ही उपभोक्ता हित में।
ज्ञापन नियंत्रक, बांट-माप विभाग को संबोधित था, जिसे जिले के सक्षम अधिकारी को सौंपा गया। ज्ञापन पर प्रदेश, जिला एवं नगर स्तर के सैकड़ों लाइसेंसधारी पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किए। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि प्रस्ताव को वापस नहीं लिया गया, तो प्रदेश स्तर पर उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। मुख्य मांगें:अधिकतम शुल्क निर्धारण प्रस्ताव तत्काल वापस लिया जाए, व्यापारिक स्वतंत्रता को बाधित न किया जाए, विभागीय अधिकारियों से वार्ता कर व्यवहारिक समाधान निकाला जाए।