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Saturday, November 8, 2025

तालाब की जमीन पर बने केएम हाउस के ध्वस्तीकरण का आदेश फिर से जारी

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फर्रुखाबाद:अल्लाह नगर उर्फ बढ़पुर क्षेत्र में ठंडी सड़क पर तालाब की जमीन पर खड़े आलीशान व्यावसायिक भवन केएम हाउस (KM House) और इसी से लगे वी-मार्ट रोरूम केएम इंडिया (V-Mart Rowroom KM India) का भवन अब गिरने की कगार पर है। नियत प्राधिकारी, विनियमित क्षेत्र व नगर मजिस्ट्रेट संजय बंसल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि महायोजना के अंतर्गत यह पूरी जमीन अभिलेखों में तालाब की जमीन पर बने केएम हाउस के ध्वस्तीकरण का आदेश फिर से जारी किये गए।

एक सप्ताह में होगा सील, एक माह में निर्माण हटाने को नोटिस, सभी 18 नक्शे निरस्त होंगे। शहर की ठंडी सड़क स्थित तालाब की भूमि पर कब्जा कर अवैध रूप से बनाए गए दी आलीशान होटल हॉउस और व्यावसायिक प्रतिष्ठान केएम इंडिया के ध्वस्तीकरण के आदेश जिला प्रशासन ने एक बाद फिर जारी किए हैं। नियत प्राधिकारी ने इस भूमि हाउस और विशाल शोरुम केएम पर निर्माण के बाद पारित कराए गए 18 मानचित्र निरस्त कर दिए हैं। भवन स्वामियों को एक सप्ताह में भवन खाली करने और एक माह में भवन निर्माण स्वयं हटा लेने का नोटिस जारी किया है। बता दें कि इन्हीं तथ्यों के आधार पर पास ही में बना माफिया अनुपम दुबे का बहुमंजिला होटल गुरुशरणम भी तीन वर्ष पूर्व ध्वस्त किया जा चुका है।

केएम हाउस तालाब और जलाशय की दर्ज हैं। ऐसे में यहां किया गया निर्माण न सिर्फ अवैध है बल्कि नियमों का खुला उल्लंघन भी है। आदेश में भवन स्वामियों को एक सप्ताह में सीलिंग से पूर्व समान हटा लेने और एक माह में पूरा निर्माण स्वयं ध्वस्त करने का आदेश दिया है। नोटिस का अनुपालन न होने पर नगर पालिका अपने स्तर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगी और इसका खर्च भी वसूलेगी।

आदेश में कहा गया है कि इस जमीन पर पहले अवैध रूप से वर्तमान व्यवसायिक भवनों का निर्माण किया गया, बाद में अलग-अलग नामों से अठारह मानचित्र आवासीय उपयोग के तौर पर स्वीकृत करा लिए गए असल में यह पूरा धंधा तालाब पर कब्जा छुपाने के लिए था। आदेश में यह भी साफ हुआ कि तत्कालीन नियोजन कर्मियों को मिलीभगत बिना यह खेल संभव नहीं था और अब उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।

मामला लगभग कई वर्षों से विभिन्न अदालतों में चक्कर काट रहा है। सबसे पहले वर्ष 2013 में अवर अभियंता की रिपोर्ट पर जांच शुरू हुई तो तालाब पर व्यावसायिक निर्माण पकड़ में आया। नोटिस जारी हुए, लेकिन मामला तारीख-दर-तारीख बढ़ता रहा। इसके बाद तत्कालीन अवर अभियंता की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन नियत प्राधिकारी ने दिसंबर 2022 में अठारह मानचित्र निरस्त कर ध्वस्तीकरण का आदेश कर दिया। भावन स्वामियों की याचिका पर जिलाधिकारी ने दोबारा सुनवाई का निर्देश दिया। इसके बाद निषत प्राधिकारी नगर मजिस्ट्रेट बंसल ने बताया कि ने सहयुक्त नियोजक की भू-उपयोग के संबंध में प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर अपने आदेश की दोबारा पुष्टि करते हुए अप्रैल 2023 में दोबारा ध्वस्तीकरण आदेश दिया। फिर मामला नोटिस और अपील में लागू होने के बाद नए सिरे से ध्वस्तीकरण आदेश जारी किया गया है। भवन स्वामियों को एक सप्ताह में जगह को सील किए जाने के लिए सामान हटाने और एक माह में खुद ढांचों को तोड़ने का समय दिया गया है। नगर मजिस्ट्रेट और नियत प्राधिकारी संजय बंसल ने कहा कि तालाब पर किसी भी तरह का निर्माण मान्य नहीं है। इसलिए सभी 18 मानचित्र खारिज और निर्माण अवैध मानते हुए ध्वस्तीकरण अनिवार्य है। भवन स्वामी गौरव अरोड़ा ने बताया कि मामले में वह अब दोबारा जिलाधिकारी के पास अपील करेंगे। जो भी कानूनी प्रक्रिया होगी उसका पालन किया जाएगा। हम अपने विधिक अधिकारों का उपयोग करेंगे।

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