फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिले के सांसद एवं विधायकों के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों को पेयरिंग कर मर्जर किए जाने की नीति को बच्चों और शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया गया है।
ज्ञापन के अनुसार, विभाग एवं शासन द्वारा जारी निर्देश में यह कहा गया है कि जिन विद्यालयों में छात्र छात्राओं की संख्या 50 से कम है, उन्हें अन्य विद्यालयों में मर्ज कर दिया जाए। संगठन का कहना है कि यह नीति ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों की शिक्षा पर गंभीर असर डालेगी, साथ ही हजारों शिक्षकों के पद भी समाप्त हो सकते हैं।संघ के जिलाध्यक्ष भूपेश प्रकाश पाठक ने ज्ञापन में लिखा है कि परिषदीय विद्यालयों का संचालन वर्तमान में प्रभावी रूप से हो रहा है और शिक्षक पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे हैं। ऐसे में मर्जर प्रक्रिया से न सिर्फ पठन पाठन प्रभावित होगा, बल्कि बच्चों और उनके अभिभावकों में भी असमंजस और असंतोष उत्पन्न होगा।ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि इस निर्णय से शिक्षकों, बच्चों और ग्रामीण समुदाय में व्यापक रोष व्याप्त है।
शासन को इस विषय पर पुनर्विचार करना चाहिए और बच्चों के भविष्य के प्रति गंभीरता दिखाते हुए पेयरिंग मर्जर के इस निर्देश को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने यह आदेश वापस नहीं लिया तो शिक्षकों के साथ साथ भविष्य में ग्रामीण जनमानस भी विरोध दर्ज कराएगा।
अटेवा के प्रदेश संयुक्त मंत्री ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि विद्यालय मर्जर एक बहुत बड़ा धोखा है मेरा संघ ब्लाक से लेकर प्रदेश तक इसके विरोध में साथ है। जिलामंत्री प्रवेश सिंह ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से गांव के गरीब बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी जिससे शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन होगा।
ज्ञापन देने में प्रदीप चतुर्वेदी,श्री नारायण वर्मा,जितेंद्र राजपूत, सुधा वर्मा,हिम्लेश शाक्य,अंजना सिंह,रेखा कुमारी,प्रतीक मिश्र,अक्षयकांत, विकास रावत आदि दर्जनों शिक्षक मौजूद रहे।