नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने शनिवार को फर्जी नौकरी (fake recruitments) रैकेट चलाने वाले सरगना समेत नौ सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये लोग खुद को नामी एयरलाइन्स के लिए भर्तीकर्ता बताकर नौकरी चाहने वालों को ठगते थे। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। मास्टरमाइंड की पहचान विकास कुमार (38) के रूप में हुई है। उसके साथ उसके साथी बलजीत सिंह (31) और सात महिलाओं, चरणजीत (29), शालिनी भारद्वाज (33), आरती कौर (19), पलवीन कौर (19), नंदिनी (24), पूजा गुप्ता (21) और श्वेता (21) को भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बताया कि यह गिरोह तिलक नगर स्थित एक फर्जी कॉल सेंटर से काम कर रहा था और ऑनलाइन विज्ञापनों के जरिए नौकरी चाहने वालों से संपर्क करता था। पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान ने कहा, “जांच के दौरान, यह पाया गया कि पीड़ितों को फर्जी इंडिगो एयरलाइंस की नौकरियों के लिए भुगतान करने के लिए धोखा दिया गया था, जिसमें घोटालेबाजों ने कथित जमा, वर्दी और वेतन खाते की औपचारिकताओं के लिए धन की मांग की थी।”
डीसीपी ने बताया कि आरोपी मुख्य रूप से ऑनलाइन नौकरी चाहने वाले बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाते थे और उन्हें फर्जी भर्ती प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में 2,500 रुपये से लेकर 15,000 रुपये तक की रकम देने के लिए राजी करते थे। पीड़ितों को यह सोचकर गुमराह किया जाता था कि उन्हें जाने-माने संगठनों में नौकरी मिल गई है।
चौहान ने बताया कि गिरोह ने कथित तौर पर पीड़ितों का विश्वास हासिल करने के लिए इंडिगो एयरलाइंस के नाम से मिलते-जुलते यूपीआई आईडी बनाए थे, जैसे indigoavations@okaxis और avationair3521@oksbi। पुलिस ने बताया कि तकनीकी जाँच में धोखाधड़ी वाले लेन-देन का पता सुभाष नगर और तिलक नगर में चलने के बाद दूरसंचार कर्मचारी कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। उससे पूछताछ के बाद, टीम को एक फर्जी कॉल सेंटर से सात महिला टेलीकॉलर मिलीं।
पुलिस ने बताया कि सिंह ने वैध ग्राहकों के बायोमेट्रिक डेटा का इस्तेमाल करके अवैध रूप से सिम कार्ड जारी किए थे। पुलिस ने आगे बताया कि उसने प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड मुहैया कराकर अहम भूमिका निभाई, जिससे यह रैकेट बिना किसी की नज़र में आए चलता रहा। जाँच के दौरान, टीम ने 22 मोबाइल फ़ोन, एक डेस्कटॉप, 19 सिम कार्ड, कॉल रजिस्टर और एक वाई-फ़ाई राउटर ज़ब्त किया।
डीसीपी ने आगे बताया कि पूछताछ में आठ यूपीआई आईडी और विभिन्न बैंक खातों से जुड़े एक क्यूआर कोड बरामद हुए और एनसीआरपी पर संदिग्ध के ख़िलाफ़ 40 से ज़्यादा शिकायतें दर्ज की गईं। गिरफ़्तार किए गए लोगों के ख़िलाफ़ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। डीसीपी चौहान ने बताया कि इस मामले में शामिल अन्य लोगों की पहचान और उनका पता लगाने के लिए टीम द्वारा आगे की जाँच जारी है।


