डॉ. परवेज के सहयोगियों व कश्मीरी छात्रों का रिकॉर्ड खंगाला
लखनऊ| दिल्ली में हुए बम धमाके के मामले में आरोपी बनाए गए डॉ. शाहीन और उनके भाई डॉ. परवेज की गिरफ्तारी के बाद जांच का दायरा लखनऊ तक बढ़ गया है। बृहस्पतिवार को एटीएस और लखनऊ पुलिस की संयुक्त टीम कुर्सी रोड स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी पहुंची, जहां करीब डेढ़ घंटे तक डॉ. परवेज के केबिन की तलाशी ली गई। टीमों ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से संपर्क कर परवेज से जुड़े कार्यों, गतिविधियों और संपर्कों का विस्तृत ब्योरा जुटाया। साथ ही विश्वविद्यालय में पढ़ रहे या कार्यरत जम्मू-कश्मीर के छात्रों, कर्मचारियों और डॉक्टरों का रिकॉर्ड भी मांगा गया है, जिसका डेटा एटीएस को सौंप दिया गया। जांच एजेंसियों को संदेह है कि परवेज के संपर्क में कुछ और लोग भी थे, जिनका नाम उसने पूछताछ में लिया है।
जांच के दौरान परवेज के केबिन से डायरी, धार्मिक पुस्तकें और कई दस्तावेज बरामद किए गए। विश्वविद्यालय कर्मचारियों के अनुसार पिछले तीन वर्षों में परवेज के व्यवहार में काफी बदलाव देखा गया था। प्रमोशन मिलने के बाद वह चुपचाप रहता था और बहुत कम लोगों से बातचीत करता था। एजेंसियां यह भी पता लगा रही हैं कि उसने सात नवंबर को ही अचानक इस्तीफा क्यों भेजा और प्रबंधन से बिना बात किए ईमेल पर त्यागपत्र क्यों भेजा। माना जा रहा है कि उसे अपने मॉड्यूल के पकड़े जाने की भनक लग गई थी, जिसके बाद वह भूमिगत हो गया।
इधर, खंदारी बाजार स्थित शाहीन के पिता सईंद अंसारी के घर और आईआईएम रोड के मुत्तकीपुर स्थित परवेज के मकान के बाहर पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहा। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस तैनात रही और परिवार को बाहर नहीं निकलने दिया गया। अंजान लोगों के प्रवेश पर पाबंदी रही। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि एटीएस की टीम पूछताछ के दौरान कश्मीरी छात्रों और स्टॉफ का ब्योरा लेकर गई है तथा संस्थान जांच में हर स्तर पर सहयोग कर रहा है।






