नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 70 में से 40 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की है, जो पिछले 25 वर्षों में पार्टी की पहली बड़ी जीत है। इससे पहले, 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने 62 सीटों के साथ भारी बहुमत प्राप्त किया था।
मतदान प्रतिशत: 15 मिलियन से अधिक पंजीकृत मतदाताओं में से 60% से अधिक ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। भाजपा ने 40 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की है, जो पिछले 25 वर्षों में पार्टी की पहली बड़ी जीत है।
आप की स्थिति: आप, जिसने 2020 में 62 सीटों के साथ भारी बहुमत हासिल किया था, इस बार कम सीटों पर सिमट गई है। कांग्रेस पार्टी इस बार भी कोई सीट जीतने में सफल नहीं रही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी नेतृत्व ने दिल्ली के मतदाताओं को लुभाने के लिए सरकारी स्कूलों के सुधार, मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं, मुफ्त बिजली, और गरीब महिलाओं के लिए मासिक 2,000 रुपये की सहायता जैसी योजनाओं का वादा किया। इसके अलावा, हाल ही में केंद्रीय बजट में मध्यम वर्ग के लिए आयकर में कटौती ने भी भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया।
आप, जिसने 2020 में भारी बहुमत से जीत हासिल की थी, इस बार अपनी पकड़ बनाए रखने में असफल रही। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी ने सरकारी स्कूलों के सुधार, मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं, और मुफ्त बिजली जैसी योजनाओं पर जोर दिया, लेकिन भाजपा की आक्रामक रणनीति और वादों के सामने ये प्रयास पर्याप्त नहीं साबित हुए।
कांग्रेस पार्टी, जो कभी दिल्ली की राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाती थी, इस चुनाव में भी हाशिए पर रही। पिछले चुनावों की तरह, इस बार भी पार्टी कोई सीट जीतने में सफल नहीं हुई, जो पार्टी के लिए आत्ममंथन का विषय है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम न केवल राजधानी की राजनीति में बदलाव का संकेत देते हैं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। भाजपा की यह जीत पार्टी के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि उसने पिछले 25 वर्षों में पहली बार दिल्ली में इतनी बड़ी सफलता हासिल की है।
इन परिणामों के बाद, भाजपा के सामने अपने वादों को पूरा करने की चुनौती होगी, जबकि आप और कांग्रेस के लिए यह आत्ममंथन का समय है, ताकि वे अपनी रणनीतियों में सुधार कर सकें और भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।