28 C
Lucknow
Wednesday, August 6, 2025

घटती स्मरण शक्ति चिंतनीय

Must read

विजय गर्ग

हाल में एप के माध्यम से टैक्सी सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ‘उबर’ द्वारा देश के पांच शहरों में किए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई हैं कि लोगों की स्मरण शक्ति में गिरावट आ रही है। इस सर्वे में मुंबई शहर पहले स्थान पर है, जहां लोगों की याददाश्त सबसे कमजोर पाई गई है। ‘उबर’ का कहना है कि उनकी टैक्सी में लोग अक्सर अपना सामान भूलकर चले जाते हैं। यह सर्वेक्षण सामान्य परिस्थितियों में स्वस्थ लोगों की स्मृति के क्षरण को लेकर चिंताजनक है, जो कि घर, दफ्तर और आम जीवन में भी समस्याएं उत्पन्न कर रहा है।

यह विचारणीय है कि इंसानों के लिए याद रखने का अर्थ केवल अतीत की स्मृतियों तक सीमित नहीं है। रोजमर्रा की जिंदगी में भी कई महत्वपूर्ण चीजों को याद रखना आवश्यक होता है। मन-मस्तिष्क की सजगता के बिना संवाद और दैनिक कार्यों को पूरा करना कठिन हो जाता है। ऐसे में सामान्य गतिविधियों और सामानों को भूल जाना एक बड़ा खतरा बन गया है। कमजोर स्मरण शक्ति दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है। बच्चे हों या बड़े, लोग पलभर में भूल जाते हैं कि उन्हें क्या करना था। अब तो अपना फोन नंबर या पता याद रखना भी मुश्किल हो गया है। रास्ते और सीमा चिह्न भी याद नहीं रहते, जिससे जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। पहले बुजुर्गों की समस्या मानी जाने वाली यह स्थिति अब हर आयुवर्ग को प्रभावित कर रही है।

हाल के वर्षों में स्मार्ट गैजेट्स के अत्यधिक उपयोग ने भी याद रखने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। तकनीकी प्रगति ने विजुअल माध्यमों की भूमिका को बढ़ा दिया । हर मुट्ठी में मौजूद जानकारियों की स्क्रीन ने दिमाग पर जोर डालकर सोचने और याद रखने की आवश्यकता को कम कर दिया है।

क्लिक भर में मिलती या खोजी जाने वाली हर सूचना, विवरण और तस्वीर दिमाग को सुस्त बनाने वाली गतिविधि साबित हो रही है। स्क्रीन स्क्रॉलिंग में व्यस्त लोग अपने-अपने निर्जन कोनों में सिमट गए हैं, जिससे सामाजिकता का दायरा घटा है। शारीरिक, मानसिक और सामाजिक गतिविधियों में कमी भी स्मृति कम होने के जोखिम को बढ़ा रही है।

इस तकनीकी विस्तार के दौर में जीवनशैली में बदलाव के बिना स्मरण शक्ति में गिरावट की समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता। सामाजिक और शारीरिक सक्रियता, कुछ नया सीखने की मानसिक कसरत, स्मार्ट गैजेट्स के उपयोग में अनुशासन और प्रकृति से जुड़ाव इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। इस प्रकार यह स्पष्ट है। कि स्मरण शक्ति में गिरावट एक गंभीर चिंता का विषय है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हमें अपनी जीवनशैली में सुधार लाने की आवश्यकता है, ताकि हम इस समस्या का सामना कर सकें और अपनी याददाश्त को बेहतर बना सकें।

(विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल मलोट पंजाब)

Must read

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article