कमालगंज: थाना क्षेत्र के उमराव नगला (Umrao Nagla) निवासी पीआरडी जवान रघुनंदन सिंह यादव के 20 वर्षीय पुत्र संजेश यादव की हत्या (murder) के बाद गुरुवार को बड़ा बवाल खड़ा हो गया। पोस्टमार्टम के बाद जब शव गांव पहुंचा तो कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हत्या का मुकदमा ऑनलाइन शो नहीं हो रहा है। इसी कारण उन्होंने शव का अंतिम संस्कार करने से साफ इंकार कर दिया।
मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष कमालगंज राजीव कुमार के समझाने पर भी ग्रामीण नहीं माने।स्थिति बेकाबू होती देख सीओ अमृतपुर संजय वर्मा, थानाध्यक्ष फतेहगढ़ रणविजय सिंह, थानाध्यक्ष जहानगंज लव कुमार समेत भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। इसी बीच जिला पंचायत सदस्य रश्मरथी यादव उर्फ छोटू ने हस्तक्षेप किया और ग्रामीणों को समझाया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीण अंतिम संस्कार को राजी हुए। शाम करीब 4:30 बजे पुलिस बल की मौजूदगी में गंगा किनारे दाह संस्कार किया गया।
छह आरोपियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज
हत्या के मामले में मृतक के पिता रघुनंदन सिंह यादव की तहरीर पर पुलिस ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व मंडल मंत्री सूरज यादव समेत छह लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। दर्ज रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को संजेश अपने भाई सुखदेव और चचेरे भाई हरेंद्र के साथ कुतुबपुर बघार के पास भैंस चराने गया था। इसी दौरान हुसैनगंज निवासी सूरज यादव, पवन यादव, रामसरन यादव, शिवम राजपूत और एक अज्ञात युवक वहां पहुंचे और भैंस चराने से रोकने लगे।
कुछ देर बाद आरोपियों ने हमला कर दिया। आरोप है कि सूरज यादव ने टकोरा से वार किया और शिवम राजपूत तमंचा ताने खड़ा रहा, जिससे कोई बचाव नहीं कर सका। हमले में गंभीर चोट और अधिक रक्तस्राव से संजेश की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि पांच नामजद और एक अज्ञात आरोपी पर हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई हैं।
दूसरे दिन फॉरेंसिक टीम ने जुटाए सबूत
गुरुवार को फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची और झगड़े के स्थान से साक्ष्य जुटाए जांच के दौरान टीम को एक लोवर बरामद हुआ जिसे कब्जे में ले लिया गया है।
सांसद प्रतिनिधि विवाद: आरोपित शिवम का दावा झूठा निकला
हत्या में नामजद आरोपी शिवम राजपूत लंबे समय से खुद को भाजपा सांसद मुकेश राजपूत का प्रतिनिधि बताता रहा है। क्षेत्र में जगह जगह लगे होर्डिंग्स और उसकी गाड़ी पर सांसद प्रतिनिधि लिखे होने से ग्रामीणों में भ्रम की स्थिति बनी रही।मगर इस मामले के बाद सांसद मुकेश राजपूत के निजी प्रतिनिधि अनूप मिश्रा ने साफ किया कि पिछले 11 वर्षों से सांसद ने किसी को भी अपना प्रतिनिधि नियुक्त नहीं किया है। शिवम का यह दावा अवैध और भ्रामक है।”
नतीजा यह हुआ कि हत्या के बाद न केवल गांव में आक्रोश और तनाव गहराया, बल्कि राजनीतिक विवाद भी खड़ा हो गया। पुलिस अब आरोपियों की गिरफ्तारी में जुटी है और गांव में सुरक्षा के मद्देनज़र फोर्स तैनात कर दिया गया है।