नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (High Court) ने आज गुरुवार को पतंजलि के विज्ञापन पर रोक लगाते हुए आदेश दिया है कि वो Dabur के खिलाफ कोई भी नकारात्मक/भ्रामक विज्ञापन न दिखाए। डाबर च्यवनप्राश को “सामान्य” बताने पर पतंजलि (Patanjali) के खिलाफ HC में याचिका दायर हुई थी। यह आदेश डाबर इंडिया की उस याचिका पर आया है, जिसमें पतंजलि के कथित मानहानिकारक विज्ञापन अभियान पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई थी।
दिल्ली हाईकोर्ट में डाबर ने याचिका में कहा था कि पतंजलि अपने विज्ञापन में उसके च्यवनप्राश को मामूली बता रहा और पतंजलि ने अपने विज्ञापन में दावा किया है कि सिर्फ पतंजलि ही आयुर्वेद-शास्त्र ग्रंथों के मुताबिक च्यवनप्राश बनाता है। कोर्ट ने इसी याचिका पर ये अंतरिम आदेश देते हुए कहा है कि, अगली सुनवाई अब 14 जुलाई को होगी।
डाबर ने पतंजलि के इस विज्ञापन को रोकने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। डाबर ने कहा कि पतंजलि के विज्ञापन में रामदेव झूठा दावा करते हुए सिर्फ पतंजलि का ही च्यवनप्राश असली और बाकि डाबर को मामूली बताया है। इस मामले पर कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए पतंजलि को भविष्य में इस तरह के विज्ञापन ना चलाने की हिदायत दी है। इस केस में सुनवाई की अगली तारीख 14 जुलाई तय की गई है।