यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। जहानगंज थाना क्षेत्र के गदनपुर तुर्रा के चौकी रघुनंदनपुर इलाके में दबंगई का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। स्थानीय दबंग और पूर्व प्रधान राजाराम और उनके बेटे शिवपाल ने लेखपाल और राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से सरकारी स्कूल की दीवार तोडक़र अपने मकान का निर्माण कर लिया। इस घटना से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है, वहीं पीडि़त अरुण कुमार प्रशासन से न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
पूर्व प्रधान राजाराम की दबंगई
स्थानीय निवासियों के अनुसार, राजाराम और उनके बेटे शिवपाल ने अपने राजनीतिक रसूख और दबंगई का इस्तेमाल करते हुए सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया। उन्होंने सरकारी स्कूल की दीवार को तोडक़र वहां पर अपना मकान बना लिया। इस दौरान उन्होंने कोई अनुमति नहीं ली, और न ही किसी तरह की प्रशासनिक कार्रवाई का सामना किया। इसके उलट, स्थानीय लेखपाल और राजस्व कर्मियों ने उनकी इस अवैध गतिविधि में उनका साथ दिया, जिससे उनकी हिम्मत और बढ़ गई।
इस अवैध कब्जे के खिलाफ पीडि़त अरुण कुमार, जो कि राजेंद्र सिंह के पुत्र हैं, ने प्रशासन से शिकायत की है। अरुण कुमार पिछले कई दिनों से अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें न्याय नहीं मिला है। अरुण का कहना है कि पूर्व लेखपाल ने अपनी रिपोर्ट को दबाकर आम रास्ते को भी बंद करवा दिया, जिससे गांव के लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पीडि़त अरुण कुमार ने एडीएम से भी गुहार लगाई। एडीएम ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है और कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे पीडि़त परिवार और ग्रामीणों में निराशा का माहौल है।
इस पूरे मामले में लेखपाल और अन्य राजस्व कर्मियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। आरोप है कि उन्होंने पूर्व प्रधान राजाराम और उनके बेटे शिवपाल को अवैध निर्माण के लिए न केवल संरक्षण दिया, बल्कि अपनी रिपोर्टों में भी हेरफेर कर मामले को दबाने की कोशिश की। इस घटना से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।