अमृतपुर (फर्रुखाबाद) | गंगा पार क्षेत्र में बाढ़ से राहत दिलाने के उद्देश्य से शासन के निर्देश पर बन रही नवीन पुलिया अब भ्रष्टाचार और लापरवाही का पर्याय बनती जा रही है। ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है, लेकिन अब तक किसी जिम्मेदार अधिकारी ने स्थल पर निरीक्षण नहीं किया है।
राजेपुर ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम बरुआ के पास बन रही इस पुलिया के निर्माण स्थल पर न तो कोई मानक बोर्ड लगाया गया है और न ही कार्य में गुणवत्ता का कोई ध्यान रखा जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार द्वारा निर्माण सामग्री में खुलेआम लापरवाही बरती जा रही है, फिर भी प्रशासन मौन है।
ग्रामीणों के अनुसार पुलिया निर्माण में रेत और गिट्टी की गुणवत्ता बेहद खराब है, जबकि सीमेंट का अनुपात भी संतुलित नहीं रखा गया। ऐसे में बाढ़ के समय पुलिया की मजबूती और टिकाऊपन पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते निर्माण सामग्री की जांच नहीं कराई गई और कार्य को रोका नहीं गया, तो यह पुलिया एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
ग्राम बरुआ के अभय प्रताप, हरिजन सिंह, अर्जुन, धर्मवीर, बेचेलाल, अभिषेक, लड्डू सिंह और चंदन सिंह सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने इस भ्रष्ट निर्माण के खिलाफ आवाज उठाई, परंतु न तो कार्य रोका गया, न ही अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई की गई। ग्रामीणों का कहना है कि उनका विरोध ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत के सामने बेअसर साबित हो रहा है।
यह विडंबना ही कही जाएगी कि जिलाधिकारी लगातार निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर रहे हैं और अपने अधीनस्थों को भ्रष्टाचार मुक्त निर्माण कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश भी दे चुके हैं। फिर भी इस पुलिया निर्माण में उनकी हिदायतों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है।
क्षेत्रवासी चेतावनी दे रहे हैं कि अगर समय रहते पुलिया निर्माण में गुणवत्ता नहीं सुधारी गई, तो बाढ़ के समय यह पुलिया ध्वस्त हो सकती है, जिससे न केवल संपत्ति का नुकसान होगा, बल्कि आवागमन और राहत कार्य भी प्रभावित होंगे।