फर्रुखाबाद। गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल बनी दरगाह हज़रत मखदूम शाह सय्यद शाहबुद्दीन औलिया रहमतुल्ला अलैह पर ज़िल-हिज्जा महीने की नौचंदी जुमेरात के मौके पर हजारों अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ पड़ी। अकीदतमंदों ने फातिहा ख्वानी और चादरपोशी कर अपनी श्रद्धा अर्पित की। वहीं दरगाह के नायब सज्जादा नशीन शाह मोहम्मद वसीम चिश्ती साबरी मुजद्दिदी ने ऐलान किया कि इस साल का सालाना 265वां उर्स 9, 10, 11 व 12 अगस्त 2025 को आयोजित होगा, जिसकी तैयारियां ज़ोरों पर हैं।
फतेहगढ़ स्थित लोको रोड की इस ऐतिहासिक दरगाह पर फजर की नमाज के बाद से ही अकीदतमंदों का तांता लग गया। नौचंदी जुमेरात के इस मौके पर हिन्दू-मुस्लिम एकता की नज़ीर पेश करते हुए हर मजहब के लोगों ने दरगाह में हाजिरी दी और फूल, इत्र व चादर चढ़ाकर दुआएं मांगीं।
इस रूहानी मौके पर हाफिज़ अरशद साबरी व जामिया चिश्तिया के तुलबा ने बेहतरीन अंदाज में कुरआन पाक की तिलावत कर माहौल को और भी नूरानी बना दिया। हर अकीदतमंद ने अपने-अपने तरीके से आस्ताने पर हाजिरी दी और दुआएं मांगीं।
दरगाह के नायब सज्जादा नशीन शाह मोहम्मद वसीम चिश्ती साबरी मुजद्दिदी ने तकरीर करते हुए कहा—
“मोहब्बत सभी से, नफरत किसी से नहीं – यही सूफियाना पैग़ाम है जिसे हर दरगाह व खानकाह को आम करना चाहिए। सूफिया-ए-किराम ने हमेशा इंसानियत को गले लगाया और उनके दरवाज़े हमेशा सबके लिए खुले रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी दरगाह शरीफ का सालाना उर्स 9 से 12 अगस्त तक बड़े ही अकीदत व एहतेराम के साथ मनाया जाएगा, जिसमें देशभर से ज़ायरीन पहुंचते हैं।
फातिहा ख्वानी के बाद मुल्क की तरक्की, अमन-चैन, भाईचारे और इंसानियत की भलाई के लिए खास दुआ की गई।
इस मौके पर आकिब खान, इसरार साबरी, अंसार साबरी, रफ़त हुसैन, मुहम्मद हनीफ उर्फ बबलू, मिन्हाज उर्फ लवली भाई, अज़हर हुसैन, मुबीन साबरी, अमीर आसिफ साबरी, शिवम, राहुल समेत बड़ी संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे।