फर्रुखाबाद, संवाददाता: उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम के फर्रुखाबाद डिपो (Farrukhabad Depot) में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। सेवा निवृत्त बीसी नवी शेल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डिपो के स्टेशन इंचार्ज गौरीशंकर ने विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया है। इस मामले में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को शिकायती (complaint) पत्र भेजकर उच्च स्तरीय जांच, रिकवरी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
32 वर्षों से एक ही डिपो में तैनाती और तीन प्रमोशन पर घोटाले का आरोप
शिकायतकर्ता नवी शेल ने आरोप लगाया कि गौरीशंकर वर्ष 1994 में फर्रुखाबाद डिपो में परिचालक पद पर भर्ती हुए थे। इसके बाद फर्जी जाति व शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के सहारे उन्होंने लगातार पदोन्नतियां लीं और एक ही डिपो में 32 साल तक जमे रहे। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ प्रशासनिक मिलीभगत से संभव हुआ।
शिकायत में यह भी उल्लेख है कि वर्ष 2010 में फर्रुखाबाद डिपो में कंप्यूटर में गड़बड़ी की सूचना पर जांच दल के आने से पहले गौरीशंकर द्वारा कंप्यूटर जला दिया गया। इतना ही नहीं, 13 जनवरी 2010 को 17 ATM मशीनें और एक कंप्यूटर भी जलाए जाने का आरोप है। बताया गया कि उस समय गौरीशंकर के रिश्तेदार कृपाल सिंह क्षेत्रीय प्रबंधक इटावा के पद पर तैनात थे, जिससे मामला दबा दिया गया।
शिकायत के अनुसार, गौरीशंकर ने डीजल टैंक प्रभारी रहते हुए लगभग 82,000 लीटर डीजल की हेराफेरी की। वर्ष 2007 में डिपो में कैश गबन भी हुआ था, जिसमें उनकी भूमिका संदिग्ध मानी गई क्योंकि खजाने की डबल लॉक चाबी उनके पास थी। सेवानिवृत्त कर्मचारी नवी शेल ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, गौरीशंकर का तत्काल ट्रांसफर किया जाए, और दोष सिद्ध होने पर सख्त सजा दी जाए।
उन्होंने दावा किया कि अब तक विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है और यदि समय रहते कार्रवाई न हुई, तो भ्रष्टाचार का यह जाल और गहराता जाएगा।