फर्रुखाबाद। जहानगंज कमालगंज मार्ग के आसपास के इलाकों में इन दिनों कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग का खेल खुलेआम चल रहा है। कस्बा कमालगंज के बाहरी क्षेत्रों में खेतों को रिहायशी प्लॉट में तब्दील करने का काम बिना किसी अनुमति और कानून की परवाह किए किया जा रहा है।
सबसे ज्यादा अवैध प्लाटिंग ग्राम पंचायत मोहनपुर दिनारपुर में देखने को मिल रही है, जहां खेतों की मेड़ों को काटकर सड़कें बनाई जा रही हैं और सीमांकन कर प्लॉट बेचे जा रहे हैं। यही नहीं, स्वराज स्कूल के आसपास भी बड़े पैमाने पर कृषि भूमि पर प्लाटिंग का कार्य जारी है।
जानकारी के अनुसार, इन जमीनों पर न तो किसी प्रकार की कॉलोनी स्वीकृत है और न ही नगर निकाय या राजस्व विभाग की ओर से अनुमति प्राप्त की गई है। इसके बावजूद खुलेआम खेतों में पक्के रास्ते बनाए जा रहे हैं
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की चुप्पी और राजस्व विभाग की अनदेखी से भू माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि मोहनपुर दिनारपुर से स्वराज स्कूल तक चल रही अवैध प्लाटिंग पर तत्काल रोक लगाई जाए और संबंधित भू-माफियाओं पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
प्लाटिंग करने के नियम क्या कहते हैं
उत्तर प्रदेश भू-उपयोग नियमों के अनुसार किसी भी कृषि भूमि को आवासीय क्षेत्र में परिवर्तित करने से पहले भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति राजस्व विभाग या विकास प्राधिकरण से लेना अनिवार्य है।
कॉलोनी विकसित करने के लिए लेआउट प्लान की स्वीकृति नगर निकाय या विकास प्राधिकरण, जिला पंचायत से आवश्यक होती है।
बिना अनुमति सड़क, नाली या बिजली पानी की लाइनें डालना गैरकानूनी माना जाता है।कॉलोनी में न्यूनतम सड़क चौड़ाई, पार्क, नाली और सार्वजनिक सुविधाओं के लिए भूमि आरक्षित करना जरूरी होता है। नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित भू-मालिक या डेवलपर के खिलाफ धारा 26(1) नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 के तहत कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें जुर्माना और निर्माण ध्वस्तीकरण शामिल है।






