नई दिल्ली: क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने फर्जी वेबसाइट और ट्रैवल प्लेटफॉर्म Booking.com की नकल करके ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। क्राइम ब्रांच ने इस गिरोह के मुख्य आरोपी को बिहार से गिरफ्तार (arrests) किया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने ग्राहक सहायता कर्मी बनकर कई पीड़ितों को ठगा और ओटीपी और यूपीआई के जरिए धोखाधड़ी की।
यह मामला तब सामने आया जब एक शिकायतकर्ता ने Booking.com जैसी दिखने वाली वेबसाइट के जरिए होटल बुक करने की कोशिश में 57,186 रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। अमेरिका से प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे पीड़ित से Booking.com ग्राहक सहायता बनकर धोखाधड़ी करने वाले एक व्यक्ति ने संपर्क किया।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) आदित्य गौतम ने बताया, “बुकिंग की पुष्टि और सहायता का बहाना बनाकर, आरोपियों ने पीड़ित को संवेदनशील ओटीपी और यूपीआई विवरण साझा करने के लिए प्रेरित किया, जिसके परिणामस्वरूप अनधिकृत लेनदेन हुए।” जांच के दौरान, टीम को पता चला कि ठगी की गई रकम का इस्तेमाल आरोपी के अपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करने के लिए किया गया था।
अधिकारी ने बताया, “इस मामले में तकनीकी विश्लेषण और वित्तीय साक्ष्यों के आधार पर जांचकर्ताओं ने संदिग्ध की पहचान बिहार के शेखपुरा जिले के निवासी 26 वर्षीय प्रतोष कुमार के रूप में की, जिसकी शिक्षा 12वीं कक्षा तक है।” पुलिस द्वारा की गई छापेमारी में तीन मोबाइल फोन और एक जाली आधार कार्ड बरामद हुए। डीसीपी गौतम ने अपने बयान में कहा कि पुलिस ने पीड़ितों को फंसाने के लिए इस्तेमाल की गई व्हाट्सएप चैट सहित आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य भी बरामद किए हैं।
आरोपी द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर दर्ज 29 शिकायतों से जुड़े पाए गए, जो पीड़ितों के एक व्यापक नेटवर्क का संकेत देते हैं। लगातार पूछताछ के दौरान, उसने कथित तौर पर अपना जुर्म कबूल कर लिया और स्वीकार किया कि उसने ठगी की गई रकम अपने क्रेडिट कार्ड खाते में ट्रांसफर कर दी थी।
अधिकारी ने बताया, टीम ने बाद में खुलासा किया कि प्रतोष पिछले छह वर्षों से साइबर धोखाधड़ी में सक्रिय रूप से शामिल था, और पकड़े जाने से बचने के लिए कई मोबाइल नंबरों और फर्जी पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल करता था। उसकी कार्यप्रणाली में Booking.com और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के ग्राहक सहायता अधिकारियों का रूप धारण करना, बुकिंग की पुष्टि या रिफंड के लिए पीड़ितों से संपर्क करना और उन्हें गोपनीय जानकारी साझा करने के लिए बरगलाना शामिल था। अधिकारी ने बताया कि इस मामले में शामिल अन्य पीड़ितों और सहयोगियों की पहचान करने के लिए आगे की जांच जारी है।


