जौनपुरl भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने विश्व कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। इस जीत की नायिका बनीं बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाज राधा यादव, जो जिले के अजोशी गांव की रहने वाली हैं।
राधा के पिता ओम प्रकाश यादव ने बताया कि उन्होंने फुटपाथ पर पाव, बीड़ी और दूध बेचकर अपनी बेटियों को आगे बढ़ाया। भावुक होकर बोले – “आज वही लोग मिठाई बांट रहे हैं, जो कल कहते थे कि शर्म नहीं आती, बेटी को लड़कों के बीच क्रिकेट खेलने भेजते हो।” इसी वजह से राधा अब तक गांव नहीं गई है।
गरीबी और समाज के तानों के बीच गली क्रिकेट से राष्ट्रीय टीम तक पहुंचने वाली राधा ने कभी हार नहीं मानी। ओम प्रकाश ने बताया कि मुंबई में वह अब भी फुटपाथ पर जनरल स्टोर की दुकान चलाते हैं, जबकि बेटा दीपक और राहुल उनका साथ देते हैं। छोटी बेटी सोनी एक दवा कंपनी में एमआर है।
पिता बोले – “राधा बचपन से क्रिकेटर बनना चाहती थी। हमने कभी गरीबी को उसके सपने के बीच नहीं आने दिया। कभी 5-10 हजार मुश्किल से कमाते थे, कर्ज भी लेना पड़ता था, पर बेटियों के सपनों को टूटने नहीं दिया।”
आज वही राधा यादव विश्व चैंपियन बनकर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर रही हैं।





