नई दिल्ली। भारत के नए उपराष्ट्रपति के रूप में सीपी राधाकृष्णन ने आज शपथ ग्रहण की। राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित विशेष समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह में देश के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य, विभिन्न राज्यों के राज्यपाल और वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर शामिल हुए। शपथ ग्रहण के बाद सभी नेताओं ने नव-नियुक्त उपराष्ट्रपति को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
सीपी राधाकृष्णन एक अनुभवी राजनेता हैं। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा तमिलनाडु से शुरू की थी और राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उपराष्ट्रपति बनने से पहले वे झारखंड के राज्यपाल के पद पर कार्यरत थे।
राधाकृष्णन लोकसभा के पूर्व सदस्य भी रह चुके हैं। उनका नाम राजनीति में उनकी ईमानदार छवि, अनुशासन और सार्वजनिक जीवन में उत्कृष्ट योगदान के लिए जाना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, उनका यह अनुभव उपराष्ट्रपति के संवैधानिक और विधायी कर्तव्यों को निभाने में अत्यंत सहायक होगा।
भारत में उपराष्ट्रपति का पद सिर्फ संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह लोकसभा और राज्यसभा के बीच संतुलन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की गारंटी भी है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और संसद की कार्यवाही में उनका योगदान कानून निर्माण और नीति निर्धारण में अहम होता है।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद राजनीतिक और सामाजिक नेताओं ने राधाकृष्णन की उपलब्धियों की सराहना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि “सीपी राधाकृष्णन का अनुभव और नेतृत्व कौशल भारत के लोकतंत्र को और मजबूती देगा।”
विशेषज्ञों का मानना है कि उनके नेतृत्व में राज्यसभा की कार्यवाही में पारदर्शिता और अनुशासन और बढ़ेगा। इसके साथ ही उपराष्ट्रपति पद की गरिमा और संवैधानिक जिम्मेदारी को भी मजबूती मिलेगी।