बुलंदशहर: यूपी के बुलंदशहर में 2018 में हुई चर्चित स्याना हिंसा मामले (Syana violence case) में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। एडीजे-12 न्यायाधीश गोपाल की अदालत ने आज बुधवार को 3 दिसंबर 2018 को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Inspector Subodh Singh) की हत्या के मामले में बचे 39 आरोपियों में से 38 को दोषी करार दिया है। इसमें से 5 आरोपी इंस्पेक्टर की हत्या के लिए दोषी पाए गए, जबकि 33 को बलवा, जानलेवा हमला (IPC 307), आगजनी, और अवैध हथियारों के इस्तेमाल जैसी गंभीर धाराओं में दोषी माना गया है।
एडीजे-12 न्यायमूर्ति गोपाल ने फैसला सुनाते हुए बताया गया है कि, प्रशांत नट, डेविड, जोनी, राहुल और लोकेन्द्र मामा को इंस्पेक्टर की हत्या के आरोप में ये सभी लोगो को दोषी पाया गया है। अदालत ने सभी दोषियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया और अब इस मामले में सजा की घोषणा 1 अगस्त को की जाएगी। बता दें कि, बुलंदशहर जिले के स्याना थाना क्षेत्र के महाव गांव में 3 दिसंबर 2018 को गोवंश के अवशेष मिलने से माहौल तनावपूर्ण हो गया। जानकारी फैलते ही हिंदूवादी संगठनों और स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ घटनास्थल पर पहुंची और गोकशी का विरोध शुरू कर दिया।
बताया जाता है कि योगेश राज नामक व्यक्ति ने अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों को उकसाया और भीड़ को इकट्ठा कर लिया। इस भीड़ ने गोवंश के अवशेषों को ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर बुलंदशहर हाइवे स्थित चिंगरावठी पुलिस चौकी की ओर कूच किया। हाइवे को पूरी तरह से भीड़ ने जाम कर दिया, पुलिस ने हालात को काबू करने की कोशिश की तो भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया और पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा में तत्कालीन कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की मौत हो गई. वे भीड़ को शांत कराने की कोशिश कर रहे थे।