– सदर विधायक सुनील दत्त के हस्तक्षेप से हुआ था मरम्मत कार्य, अब दरारों ने खोल दी पोल
फर्रुखाबाद। शहर की जीवनरेखा माने जाने वाले पांचालघाट पुल की मरम्मत में भारी भ्रष्टाचार की बू अब साफ़ महसूस की जा रही है। सदर विधायक सुनील दत्त के हस्तक्षेप से कराए गए मरम्मत कार्य की पोल अब खुद पुल की दरारें और गड्ढे खोल रही हैं।महज एक माह मे भ्रस्टाचार सामने आ गया।
जनता के करोड़ों रुपए सड़क पर बहा दिए गए, लेकिन नतीजा फिर वही—उबड़-खाबड़, दरारों से भरा और खतरनाक पुल! हालात यह हैं कि जिस पुल पर भारी वाहनों का आवागमन सुरक्षा के मद्देनज़र कुछ समय के लिए रोका गया था, वहीं अब दोबारा ऐसी स्थिति बन गई है कि हर गुजरते वाहन के साथ हादसे का खतरा मंडरा रहा है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिला प्रशासन पूरी तरह मौन बना हुआ है। डीएम और जिम्मेदार अधिकारी रोज इसी मार्ग से गुजरते हैं, लेकिन उन्हें गड्ढों और दरारों की यह सच्चाई नज़र नहीं आती, या शायद देख कर भी अनदेखा कर दिया जाता है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मरम्मत के नाम पर खुलेआम भ्रष्टाचार हुआ है। घटिया सामग्री, खानापूर्ति वाली निगरानी और राजनीतिक दबाव में की गई मरम्मत आज जनता के लिए संकट बन गई है।
समाजसेवी महेश त्रिवेदी ने तीखा सवाल उठाया, “मरम्मत के नाम पर जनता के पैसे की बर्बादी हुई है। यह एक ठेकेदार और अफसरों की मिलीभगत का नतीजा है। अगर इसकी निष्पक्ष जांच हो तो करोड़ों की लूट सामने आ सकती है।”
अब स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों ने निर्माण एजेंसी और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है। साथ ही, मुख्यमंत्री कार्यालय से इस मामले में स्वतंत्र तकनीकी जांच और विजिलेंस जांच की मांग भी की जा रही है।
यह केवल पुल की मरम्मत की बात नहीं, बल्कि जनधन की खुली लूट और जनता की सुरक्षा से खिलवाड़ का मामला है। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन आंखें खोलता है या भ्रष्टाचार की इस मोटी परत को यूं ही ढक कर छोड़ दिया जाएगा?