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Tuesday, May 6, 2025

ग्रामीण विकास की विशेष रीड़ हैं सहकारी समितियां: डॉ. हीरालाल पटेल

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विशेष इंटरव्यू

अतिथि: डॉ. हीरालाल पटेल, आयुक्त, एवम निबन्धक सहकारी समितियां, उत्तर प्रदेश

– सीधी बात: शरद कटियार, प्रधान संपादक, दैनिक यूथ इंडिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सहकारी समितियां राज्य के ग्रामीण विकास में रीढ़ की हड्डी मानी जाती हैं। सहकारी आंदोलन को मजबूत करने और किसानों व ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने में इन समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस संदर्भ में दैनिक यूथ इंडिया के प्रधान संपादक शरद कटियार ने उत्तर प्रदेश सहकारी समितियों के आयुक्त डॉ. हीरालाल पटेल से लखनऊ स्थित सहकारिता भवन में सोमवार एक विशेष बातचीत की।

प्रश्न 1: सहकारी समितियों की वर्तमान स्थिति को आप किस तरह से देखते हैं?

उत्तर (डॉ. हीरालाल पटेल):उत्तर प्रदेश में सहकारी समितियों का पुनर्गठन और डिजिटलीकरण तेज़ी से किया जा रहा है। हमने पारदर्शिता, जवाबदेही और तकनीकी सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है। पहले जहां समितियों में व्यवस्थागत समस्याएं थीं, अब वहां सुधार देखने को मिल रहा है।

प्रश्न 2: किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से कितना लाभ मिल पा रहा है?

उत्तर:किसानों को खाद-बीज, ऋण, भंडारण और विपणन जैसी सुविधाएं सहजता से उपलब्ध कराई जा रही हैं। हमारा फोकस यह है कि किसान को बिचौलियों से मुक्ति मिले और उसे सीधा लाभ हो। हम ‘एक जिला-एक उत्पाद’ की तर्ज पर सहकारिता मॉडल को लागू कर रहे हैं।

प्रश्न 3: अक्सर शिकायत रहती है कि सहकारी समितियों में भ्रष्टाचार या भाई-भतीजावाद होता है। इस पर क्या कार्रवाई की जा रही है?

उत्तर:यह सही है कि कुछ स्थानों पर ऐसे मामले सामने आए हैं, लेकिन हमने सतर्कता टीमों का गठन किया है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। हमने शिकायत निवारण के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी तैयार किया है ताकि जनता सीधे हमसे जुड़ सके।

प्रश्न 4: सहकारी बैंकों की भूमिका को आप कैसे और प्रभावी बना रहे हैं?

उत्तर:सहकारी बैंकों को वित्तीय तकनीक से जोड़कर अधिक सक्षम बनाया जा रहा है। Core Banking System लागू किया गया है और डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को शहरों जैसी बैंकिंग सुविधाएं मिलें।

प्रश्न 5: भविष्य में सहकारी क्षेत्र को लेकर आपकी क्या प्रमुख योजनाएं हैं?

उत्तर:हम सहकारी क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण से जोड़ना चाहते हैं। प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को बहुउद्देश्यीय इकाई के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे वे कृषि से लेकर डेयरी, मत्स्य, बागवानी तक की सेवाएं दे सकें।

सहकारिता को जन-आंदोलन बनाकर, पारदर्शिता और तकनीकी सुधारों के सहारे डॉ. हीरालाल पटेल उत्तर प्रदेश की ग्रामीण आर्थिकी में नए आयाम जोड़ रहे हैं। दैनिक यूथ इंडिया को यह विश्वास है कि उनके नेतृत्व में सहकारी क्षेत्र और अधिक मजबूत होगा।

रिपोर्ट: प्रशांत कटियार
स्टेट हेड, दैनिक यूथ इंडिया

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