– तमिलनाडु की संस्था से करोड़ों की फंडिंग, 15 वर्षों से चल रहा था नेटवर्क
शाहजहांपुर: सिंधौली कस्बे में प्रार्थना सभा की आड़ में भोलेभाले लोगों का धर्मांतरण (Conversion) कराने के आरोप में पुलिस ने एक दंपती समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। करीब 15 वर्षों से चल रहे इस धर्मांतरण रैकेट के पीछे विदेशी फंडिंग और राज्यव्यापी नेटवर्क की गूंज है। फिलहाल तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है। उन्हें रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की जाएगी।
तमिलनाडु की संस्था से मिली आर्थिक मदद
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि धर्मांतरण कराने वाले इस गिरोह को तमिलनाडु स्थित संस्था ‘जीसस रिडिमस मिशनरी’ से करोड़ों की आर्थिक मदद मिली है। इस संस्था ने 16 मई 2017 को अपना खाता चार करोड़ 60 लाख रुपये के शुरुआती बैलेंस के साथ खोला था। अब खाते में महज 16 लाख रुपये शेष हैं। पुलिस इस खाते से अन्य संगठनों को किए गए फंड ट्रांसफर की जांच कर रही है।
एसपी राजेश द्विवेदी के अनुसार, आरोपी पद्मनाभन उर्फ पास्टर जोसुआ, उनकी पत्नी किरन जोसुआ और सहयोगी असनीत मसीह प्रार्थना सभा के जरिए धर्मांतरण कराते थे। ये लोग जून 2024 से सिंधौली में सक्रिय थे, जबकि वर्ष 2010 से पहले तक शाहजहांपुर के चिनौर इलाके में किराये के मकान में सभाएं आयोजित करते थे।
बीमारी ठीक करने, संतान पाने और पैसों का लालच
पुलिस जांच में पता चला है कि धर्म परिवर्तन कराने के लिए लोगों को बीमारी, मानसिक तनाव, गृह क्लेश से मुक्ति, और यहां तक कि संतान प्राप्ति का झांसा दिया जाता था। साथ ही गरीबों को राशन, कपड़े और नकद धनराशि भी दी जाती थी। कॉल रिकॉर्डिंग और गवाहों के बयानों से इन गतिविधियों की पुष्टि हुई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, जिन व्यक्तियों ने धर्म बदला, वे खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन उनके पूजा-पद्धति बदलने और प्रार्थना सभाओं में नियमित भागीदारी के प्रमाण मिले हैं।
राज्यभर में फैला हुआ नेटवर्क
पुलिस का मानना है कि यह कोई अकेली घटना नहीं, बल्कि एक संगठित स्लीपर सेल नेटवर्क का हिस्सा है, जो राज्य के अन्य जिलों में भी सक्रिय है। केवल एक सप्ताह में तीन अलग-अलग स्थानों से धर्मांतरण की सूचना सामने आ चुकी है।
20 जुलाई को कटिया बुजुर्ग गांव में एक प्रार्थना सभा में धर्मांतरण की शिकायत पर हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर विरोध किया था। इसके बाद पुलिस ने मकान मालिक अजय व पूजा समेत चार लोगों का शांतिभंग में चालान किया था।
तीन लाख में धर्मांतरण का सौदा
आरसी मिशन थाना क्षेत्र की आनंद विहार कॉलोनी में भी तीन लाख रुपये देकर धर्मांतरण कराए जाने की बात सामने आई है। मोहल्ला अहमदपुरा निवासी शिवम की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें विवेक और उसकी पत्नी एंजल की भूमिका उजागर हुई है। दोनों की बैंक डिटेल और फंडिंग स्रोत की जांच की जा रही है।
अगले कदम की तैयारी
एसपी ने बताया कि आरोपियों से रिमांड के दौरान विदेश से मिली फंडिंग, अन्य संलिप्त संगठनों और जिन व्यक्तियों का धर्म परिवर्तन हुआ, उन सभी पहलुओं पर पूछताछ की जाएगी। साथ ही तमिलनाडु, मुंबई और गाजियाबाद की जिन चार संस्थाओं से 25 लाख 75 हजार रुपये की राशि आई है, उनके कार्यों और नेटवर्क की जांच भी तेज़ कर दी गई है।
पुलिस का बयान
“हमारे पास पुख्ता सबूत हैं कि लोगों का संगठित ढंग से धर्मांतरण कराया गया है। नेटवर्क को स्लीपर सेल की तरह संचालित किया जा रहा था। बैंक डिटेल और कॉल रिकॉर्ड से कई और कड़ियाँ जुड़ने की संभावना है।”— राजेश द्विवेदी, पुलिस अधीक्षक, शाहजहांपुर