फर्रुखाबाद | जिले में धर्मांतरण के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। सूत्रों के अनुसार मिशन परिवर्तन हॉस्पिटल की आड़ में संचालित इस रैकेट का सरगना प्रदीप मसीही, जो मूलतः पटियाली (कासगंज) का निवासी है, युवाओं को धर्मांतरण की ट्रेनिंग दिलवाता था।
बताया जा रहा है कि प्रदीप मसीही, डॉ. पी. कुजूर, पास्टर जॉर्ज, और शैलेंद्र मसीह उर्फ सोनू के साथ मिलकर धर्मांतरण की एक संगठित साजिश चला रहा था। ये लोग कई जिलों—जैसे कानपुर, मुरादाबाद, बरेली, एटा, कासगंज, मथुरा, बदायूं, मैनपुरी और इटावा—से गरीब और बेरोजगार युवकों को बहला-फुसलाकर पहले फर्रुखाबाद लाते थे और फिर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए प्रशिक्षित करते थे।
टीम गांव-गांव जाकर विशेष रूप से बाल्मीकि समाज के लोगों को निशाना बनाती थी। इन्हें पैसों और अन्य सुविधाओं का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता था। यह गिरोह वर्षों से सक्रिय बताया जा रहा है और इसके तार कई जिलों से जुड़े हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार, प्रदीप मसीही ने फर्रुखाबाद की आवास विकास कॉलोनी में अवैध रूप से एक कोठी बनवा ली है। इसके साथ ही मिशन हॉस्पिटल की संपत्ति को भी कब्जे में लेकर वहाँ अपनी गतिविधियाँ संचालित कर रहा था। कुछ वर्षों में ही उसने कई लग्जरी गाड़ियां भी खरीद लीं।
इस पूरे मामले में अभी तक प्रदीप मसीही, डॉ. पी. कुजूर और पास्टर जॉर्ज फरार हैं। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इस नेटवर्क से जुड़े कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। यूथ इंडिया को विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि जांच एजेंसियों को इस नेटवर्क से जुड़ी कई और परतें उजागर करनी बाकी हैं।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने शासन-प्रशासन से इस पूरे मामले की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस काले धंधे के कारण क्षेत्र में असंतोष और आक्रोश का माहौल है।