राज्य ललित कला अकादमी ने कराया डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीन दयाल उपाध्याय और श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी की कांस्य प्रतिमा का निर्माण
फव्वारा, फसाड लाइटिंग और प्रोजेक्शन मैपिंग से किया गया प्रतिमाओं का सौंदर्यीकरण
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के दूरदर्शी विजन और भावी पीढ़ियों में राष्ट्रवाद की विचारधार को प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रदेश की राजधानी, लखनऊ में ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ (Rashtra Prerna Sthal) का निर्माण किया गया है। राष्ट्र प्रेरणा स्थल पूरे देश में राष्ट्रवाद की भावना को प्रज्वलित करने वाला एक अनूठा केंद्र होगा। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रवाद के प्रतीक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीन दयाल उपाध्याय और श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी की भव्य कांस्य प्रतिमाओं का अनावरण 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। राष्ट्र नायकों की इन 65 फुट ऊंची और 32 टन वजनी कांस्य प्रतिमाओं का निर्माण राज्य ललित कला अकादमी ने करवाया है। इन प्रतिमाओं का सौंदर्यीकरण फसाड लाइटिंग और प्रोजेक्शन मैपिंग के माध्यम से किया गया है।
राम सुतार आर्ट क्रियेशन और माटू राम आर्ट्स ने किया प्रतिमाओं का निर्माण
लखनऊ के वसंत कुंज में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने 65 एकड़ के क्षेत्र में राष्ट्र प्रेरणा स्थल का निर्माण कराया है। प्रेरणा स्थल में राष्ट्रवाद के प्रतीक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीन दयाल उपाध्याय और श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी की भव्य कांस्य का निर्माण राज्य ललित कला अकादमी ने कराया है। निर्माण के लिए लगभग 21 करोड़ रुपये की धनराशि एलडीए की ओर से जारी की गई है।
राज्य ललित कला अकादमी के निदेशक अमित अग्निहोत्री ने बताया कि इन प्रतिमाओं में पंडित दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा का निर्माण प्रसिद्ध राम सुतार आर्ट क्रियेशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है। इसी फर्म ने दुनिया की सबसे ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का भी निर्माण कराया था। वहीं, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की प्रतिमाओं का निर्माण माटू राम आर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने पूरा किया है। ये प्रतिमाएं न केवल कलात्मक उत्कृष्टता का प्रतीक हैं, बल्कि राष्ट्रवाद और एकात्मता की भावना की भी संचार करेंगी।
फसाड लाइटिंग और प्रोजेक्शन मैपिंग के जरिए होगा प्रतिमाओं का सौंदर्यीकरण
उन्होंने बताया कि राष्ट्र नायकों की कांस्य प्रतिमाएं 65 फुट ऊंची और 32 टन वजन की हैं। प्रतिमाओं के निर्माण में 85 प्रतिशत तांबा और 5-5 प्रतिशत सीसा, टिन और जस्ते के समिश्रण का उपयोग किया गया है। इन मूर्तियों के सौंदर्यीकरण के लिए फसाड लाइटिंग और प्रोजेक्शन मैपिंग का भी उपयोग किया गया है। प्रोजेक्शन मैपिंग के जरिए मूर्तियों के कपड़ों का रंग समय के साथ बदला जा सकेगा।
साथ ही मूर्तियों के चारों ओर पानी के फव्वारों और स्टेज का निर्माण किया गया है। साथ ही राष्ट्र प्रेरणा स्थल में राष्ट्र नायकों के प्रेरक जीवन से भावी पीढ़ियों को परिचित करवाने के उद्देश्य से म्यूजियम का भी निर्माण किया गया है। जहां निर्मित 5 गैलरियों में तीनों राष्ट्र नायकों के जीवन संदेश को वीडियो एवी के माध्यम से दर्शाया जाएगा, साथ ही उनके उपयोग किए गए सामान और उनकी फोटो, जीवन वृत्त और सिलिकॉन मूर्तियों के माध्यम से जीवंत करने का प्रयास किया गया है। यह स्थल न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि स्कूल-कॉलेज के छात्रों के लिए शैक्षिक यात्राओं का आदर्श स्थान सिद्ध होगा।


