मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से ठीक पहले, पार्टी विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) ने रविवार रात सात अतिरिक्त बागी उम्मीदवारों को निलंबित कर दिया है। पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई को तेज करते हुए इनमें शामकांत सानेर, राजेंद्र ठाकुर, अबा बागुल, मनीष आनंद, सुरेश कुमार जेठलिया, कल्याण बोराडे और चंद्रपॉल चौकसे को निलंबित किया है। इससे पहले दिन में, कांग्रेस (Congress) ने 21 अन्य बागियों को निलंबित कर दिया था, जिससे 22 निर्वाचन क्षेत्रों में निलंबन की कुल संख्या 28 हो गई।
पहले से निलंबित नेताओं की सूची में आनंदराव गेदाम, शीलू चिमुरकर, सोनल कोवे, भरत येरेमे, अभिलाषा गावतुरे, प्रेमसागर गणवीर, अजय लांजेवार, विलास पाटिल, आसमा जवाद चिखलेकर, हंसकुमार पांडे, कमल व्यवहारे, मोहनराव दांडेकर, मंगल विलास भुजवल, मनोज शिंदे, सुरेश पाटिलखेड़े, विजय खडसे, शब्बीर खान, अविनाश लाड, यागवल्य जिचकर, राजू झोड़े और राजेंद्र मुका शामिल हैं।
ये सभी उम्मीदवार महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने स्पष्ट किया था कि एमवीए के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले सभी विद्रोहियों को छह साल के निलंबन का सामना करना पड़ेगा।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने हैं, और सभी 288 निर्वाचन क्षेत्रों के वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। एमवीए गठबंधन, जिसमें कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव ठाकरे गुट), और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) शामिल हैं, महायुति गठबंधन के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरेगा।
महायुति गठबंधन में एकनाथ शिंदे की शिव सेना, भारतीय जनता पार्टी, और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा का गुट शामिल है। 2019 के महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56, और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं, जबकि 2014 में भाजपा ने 122, शिवसेना ने 63 और कांग्रेस ने 42 सीटों पर विजय प्राप्त की थी।
कांग्रेस (Congress) के इस बड़े एक्शन से बागियों पर दबाव बढ़ा है और पार्टी अनुशासन में कमी लाने वाले नेताओं के खिलाफ सख्ती बरतने के मूड में दिख रही है।