स्वामी अलखनंद अक्रिय महाराज जी की आज पुण्यतिथि पर प्रवचन, सत्संग और भंडारे का होगा आयोजन
पीलीभीत: बरखेड़ा विधानसभा (Barkheda Assembly) क्षेत्र में स्थित श्री परम अक्रिय धाम एवं श्री अलखेश्वर महादेव मंदिर (Shri Alakheshwar Mahadev Temple) परिसर में सोमवार को ब्रह्मलीन स्वामी अलखनंद अक्रिय महाराज जी की प्रथम पुण्यतिथि श्रद्धा, भक्ति (devotion) और अध्यात्म के वातावरण में मनाई जा रही है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर एवं बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्तानंद जी महाराज के सान्निध्य में विशेष प्रवचन, भजन-सत्संग और विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः 11 बजे विधिवत मंत्रोच्चार एवं गुरु पूजन के साथ हुई। तत्पश्चात स्वामी प्रवक्तानंद जी महाराज ने अपने पूज्य गुरुदेव की शिक्षाओं, जीवन मूल्यों और अक्रिय योग साधना की महत्ता पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “स्वामी अलखनंद अक्रिय महाराज जी ने समाज को आत्मज्ञान, सेवा और संयम का मार्ग दिखाया। वे ब्रह्मश्रोत्रीय अवधूत परंपरा के अनन्य संत थे, जिन्होंने गुरु-शिष्य परंपरा को जीवंत किया।”
प्रवचन और भजन सत्संग के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मंदिर परिसर में मौजूद रहे। आसपास के गांवों व नगरों से आए संत-महात्मा, समाजसेवी और धर्मप्रेमी नागरिकों ने भी कार्यक्रम में सहभागिता की। प्रवचन कार्यक्रम के उपरांत श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन स्थल पर विधिवत व्यवस्थाएं की गई थीं। स्वयंसेवकों द्वारा श्रद्धालुओं को पंक्ति बद्ध प्रसाद वितरण किया गया।
स्वामी प्रवक्तानंद जी ने कहा कि “गुरुदेव का जीवन संयम, साधना और सेवा की त्रिवेणी था। उन्होंने कभी प्रचार की इच्छा नहीं रखी, बल्कि शांति से लोगों के हृदयों में अध्यात्म की अलख जगाई।” उन्होंने यह भी कहा कि यह आयोजन केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि गुरु स्मृति को आत्मसात करने का एक सजीव प्रयास है।
कार्यक्रम के दौरान गुरुचरणों में पुष्पांजलि अर्पित करते समय अनेक अनुयायी भावुक हो गए। सभी ने एक स्वर में कहा कि गुरुदेव का मार्गदर्शन आज भी उनके जीवन का आधार है। यह संपूर्ण कार्यक्रम श्री परम अक्रिय धाम, श्री अलखेश्वर महादेव मंदिर, खमरिया पुल के निकट, पीलीभीत समय: प्रातः 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक – प्रवचन व सत्संग तत्पश्चात – भंडारा संपन्न होगा। इस अवसर पर स्वामी प्रवक्तानंद जी ने सभी श्रद्धालुओं को गुरुकृपा प्राप्ति का अवसर बताते हुए अपील की कि वे गुरुदेव के दिखाए मार्ग को जीवन में अपनाएं और समाज के उत्थान में सहभागी बनें।