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Friday, June 20, 2025

फाइलेरिया रुग्णता प्रबंधन पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण

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– जिले में सक्रिय हैं 1032 फाइलेरिया रोगी, लोगों से दवा सेवन की अपील

फर्रुखाबाद: राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम (National Filariasis Elimination Programme) के अंतर्गत शुक्रवार को सीएचसी कायमगंज (CHC Kayamganj) में मोर्बिडिटी मैनेजमेंट व डिसेबिलिटी प्रिवेंशन (एमएमडीपी) विषय पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (CHO) को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण जिले के सभी ब्लॉकों में क्रमवार रूप से आयोजित किया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवनीन्द्र कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद प्रत्येक सीएचओ अपने-अपने क्षेत्र में कार्यरत आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को फाइलेरिया रोग से जुड़ी जानकारी देंगे। इससे प्रथम पंक्ति के ये कार्यकर्ता आम लोगों को समय पर दवा सेवन के लिए प्रेरित कर सकेंगे।

जिला मलेरिया अधिकारी नौशाद अली ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है, जो क्यूलैक्स मच्छर के काटने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद वही मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो संक्रमण फैल जाता है। इसके लक्षण आमतौर पर 5 से 15 वर्षों में उभरते हैं। उन्होंने बताया कि बचाव के लिए साल में एक बार लगातार पांच वर्षों तक दवा का सेवन अनिवार्य है।

डीएमओ ने बताया कि अब फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से सीएचओ के माध्यम से वितरित की जाएगी, जिससे रोगियों को सीएचसी तक बार-बार आने की जरूरत नहीं होगी। पाथ संस्था से आए रीजनल एनडीटी ऑफिसर डॉ. नवीन कुमार ने प्रशिक्षण में बताया कि फाइलेरिया रोगियों को किस प्रकार संक्रमित अंग को साफ और सुखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मरीज रात में जिस पैर में समस्या हो, उसे सोते समय तकिये की सहायता से थोड़ा ऊंचा रखें। साथ ही, उन्होंने रोगियों को नियमित व्यायाम के चरणों के बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया।

फाइलेरिया निरीक्षक दीपांशु यादव ने जानकारी दी कि वर्तमान में जिले में कुल 1032 फाइलेरिया रोगी चिन्हित किए गए हैं। शेष रोगियों की पहचान कर उन्हें जल्द स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने की योजना है। प्रशिक्षण में मौजूद 27 वर्षीय काल्पनिक नाम राधा देवी ने बताया कि वह पिछले कुछ वर्षों से फाइलेरिया से पीड़ित हैं। “दवा के नियमित सेवन और व्यायाम से अब मेरी हालत स्थिर है, सूजन कम हुई है और मैं अब घर के सामान्य काम कर पा रही हूं,” उन्होंने बताया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में एमओ डॉ. जितेंद्र बहादुर, बायोलॉजिस्ट श्रीराम शुक्ल, फाइलेरिया निरीक्षक योगेश, बीसीपीएम विनय मिश्रा सहित कई सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहे। “फाइलेरिया से बचाव संभव है। सभी लोग अभियान के दौरान फाइलेरिया की दवा अवश्य खाएं और जागरूकता फैलाएं।”

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