फतेहपुर: यूपी के Fatehpur के सदर कोतवाली के आबूनगर इलाके में मकबरे (tomb) को मंदिर बताकर सांप्रदायिक तनाव बढ़ता जा रहा है और एक बार फिर भयावह रूप ले लिया है। 1992 के बाबरी विध्वंस की तरह फतेहपुर में इस घटना को अंजाम दिया गया है। हिंदू संगठनों (Hindu organizations) की भीड़ ने पुलिस बैरीकेड तोड़कर विवादित स्थल पर पहुंचकर मकबरा तोड़ी, पत्थरबाजी करने के बाद भगवा झंडा लगाया गया। इसके अलावा नारेबाजी व पूजा-पाठ भी किया।
बवाल बढ़ने पर प्रयागराज जोन के ADG व कई जिलों के पुलिस अफसर पहुंचे, फिलहाल माहौल शांत, हिंदू पक्ष इसे मंदिर तो मुस्लिम पक्ष मकबरा बता रहा है, आज यहां पूजा-पाठ का ऐलान हुआ था, BJP जिलाध्यक्ष लीड कर रहे थे। फतेहपुर के ज़िलाधिकारी ने बताया हालात नियंत्रण में है और क़ानून-व्यवस्था सामान्य है। इस बीच, एसपी अनूप सिंह ने बताया कि मौके पर पुलिस बल पहले से ही मौजूद था, लेकिन कुछ उपद्रवी तत्व जबरन मज़ार में घुस आए थे। उन्हें खदेड़ दिया गया है और सभी झंडे हटा दिए गए हैं और इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
फतेहपुर जिले में आज पुलिस के सामने खूब अराजकता हुई। DM और SP की गलतियों ने आज फतेहपुर को तनाव में पहुंचा दिया। मुख्यमंत्री ने कई बार वीडियो कांफ्रेंसिंग में अफसरों को जातीय और सांप्रदायिक मामलों में यथास्थिति और किसी कीमत पर तनाव नहीं बढ़ने के आदेश दिए थे। लेकिन फतेहपुर मामले में SP से लेकर ADG तक और DM से लेकर कमिश्नर तक लापरवाह बने रहे।
हिन्दू संगठनों की हजारों की भीड़ पुलिस बैरीकेड्स तोड़ते हुए मकबरे तक जा पहुंची। भीड़ मकबरे के ऊपर चढ़ गई। पुलिस की मौजूदगी में मजार पर काफी बवाल हुआ जिसके कई वीडियो वायरल हैं। हालांकि सरकार ने दावा किया है कि तोड़फोड़ नहीं हुई। फिलहाल माहौल शांत है लेकिन दोनों तरफ से तनाव का माहौल है।