– CM ने कहा – ‘एक देश, एक विधान’ के संकल्प को साकार करने वाले युगद्रष्टा थे डॉ. मुखर्जी
लखनऊ। भारतीय जनसंघ के संस्थापक और “एक देश, एक विधान” के प्रणेता डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि के अवसर पर सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उनके राष्ट्रनिष्ठ विचारों को स्मरण करते हुए कहा कि डॉ. मुखर्जी का जीवन भारत की एकता, अखंडता और आत्मसम्मान का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर में “दो विधान, दो प्रधान, दो निशान” के विरोध में आंदोलन कर अपने प्राणों की आहुति दी। उनका बलिदान ही आज जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को हटाने का आधार बना।
“डॉ. मुखर्जी युगद्रष्टा थे जिन्होंने अखंड भारत का सपना देखा और उसके लिए संघर्ष किया।”
“उनका बलिदान अनुकरणीय है, हमें उनके आदर्शों को जीवन में उतारना चाहिए।”
“आज जम्मू-कश्मीर में जो परिवर्तन हुआ है, वह उनके बलिदान का ही परिणाम है।”
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह सहित भाजपा के कई विधायक, सांसद व पदाधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इसके बाद ‘वंदे मातरम्’ और राष्ट्रगान का गायन किया गया।
प्रदेश के 75 जिलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोड़कर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए गए।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे डॉ. मुखर्जी के विचारों को पढ़ें और जानें कि कैसे एक विचारधारा देश के भविष्य को दिशा देती है। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. मुखर्जी ने सत्ता के लिए नहीं, राष्ट्रहित के लिए संघर्ष किया।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थितजनों ने डॉ. मुखर्जी के सपनों का भारत बनाने के लिए ‘राष्ट्र प्रथम’ के संकल्प को दोहराया।