उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बार फिर पारदर्शिता और योग्यता आधारित भर्ती प्रक्रिया की मिसाल पेश की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोकभवन में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम के दौरान 1112 कनिष्ठ सहायक (Junior Assistant) और 22 एक्सरे टेक्नीशियन पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नियुक्ति पत्र पाकर उत्साहित युवाओं को बधाई दी और कहा आज उत्तर प्रदेश में बिना किसी सिफारिश, बिना किसी लेन-देन के योग्य उम्मीदवारों को नौकरी मिल रही है। अब युवाओं को नौकरी के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ता। वे अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर सफलता हासिल कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि यह सब एक जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार की वजह से संभव हुआ है।
मुख्यमंत्री ने पुराने दौर की भर्ती प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक समय था जब नौकरी पाने के लिए जाति, धर्म, राजनीतिक दबाव और रिश्वत का सहारा लेना पड़ता था। नियुक्ति प्रक्रिया वर्षों तक लंबित रहती थी और युवाओं का भविष्य दांव पर लग जाता था। लेकिन अब निष्पक्षता और समयबद्ध चयन प्रक्रिया नए उत्तर प्रदेश की पहचान बन चुकी है।
कार्यक्रम स्थल पर चयनित अभ्यर्थियों के चेहरे खुशी से दमक रहे थे। नियुक्ति पत्र पाने वाले युवाओं ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पारदर्शी भर्ती नीति ने उनकी मेहनत को सम्मान दिया है। किसी भी प्रकार की सिफारिश या रिश्वत के बिना, सीधे योग्यता के आधार पर मिली नौकरी ने उनका आत्मविश्वास दोगुना कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अब नियुक्ति प्रक्रियाएं समय पर पूरी होंगी और पात्र युवाओं को रोजगार के अवसर लगातार मिलते रहेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी भर्ती प्रक्रिया में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी
योगी सरकार का यह कदम न केवल युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि उत्तर प्रदेश में अब केवल योग्यता और पारदर्शिता ही चयन का आधार होंगी।