मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया उद्घाटन, किसानों के भविष्य की दिशा तय करने पर दिया ज़ोर
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राजधानी लखनऊ में “विकसित कृषि-विकसित उत्तर प्रदेश @2047” विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया। इस विशेष अवसर पर उन्होंने राज्य को कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था से आधुनिक कृषि-तकनीकी युक्त राज्य में बदलने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा,
“2024 तक हम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बढ़ चुके हैं और 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित राज्यों की श्रेणी में अग्रणी स्थान दिलाने का लक्ष्य है। इसके लिए कृषि की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। हमें पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर नवाचार, जैविक कृषि, तकनीकी प्रयोग और जल संरक्षण आधारित खेती को बढ़ावा देना होगा।”
मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र में निजी निवेश, प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, एग्री-स्टार्टअप्स और डिजिटल एग्रीकल्चर की संभावनाओं को रेखांकित किया।
कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों, नीति विशेषज्ञों, और विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
संगोष्ठी का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित और आत्मनिर्भर कृषि राज्य बनाना है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने, सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की प्रभावी कार्यान्वयन, और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं।
उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में सरकार “एक जिला एक उत्पाद” (ODOP) योजना के साथ-साथ फसल विविधिकरण, कृषि निर्यात और एग्री-इको टूरिज्म पर विशेष ध्यान देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है और गांव की आत्मा उसका किसान है। यदि किसान सशक्त होगा तो देश और राज्य का भविष्य स्वतः उज्ज्वल होगा।