लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने शनिवार को राजधानी में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने प्रदेश में जल संकट की संभावनाओं को देखते हुए कई अहम दिशा-निर्देश दिए और कहा कि जल संरक्षण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद में लघु सिंचाई के कार्यों पर तेजी से काम किया जाए। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को पानी की कमी का सामना न करना पड़े इसके लिए चेकडैम, तालाब और ब्लास्टकूप जैसी संरचनाओं का निर्माण बड़े पैमाने पर कराया जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कुम्हार समुदाय के लिए एक बड़ा निर्णय लिया। उन्होंने घोषणा की कि अब कुम्हारों को तालाबों से मुफ्त मिट्टी निकालने की अनुमति दी जाएगी। यह छूट हर साल 1 अप्रैल से 15 जून 2026 तक दी जाएगी। इससे न केवल कुम्हारों को रोज़गार में मदद मिलेगी बल्कि तालाब भी गहरे होंगे और उनकी जल संचयन क्षमता बढ़ेगी।
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के हर शहर में 100 वर्ग मीटर से बड़े भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस नियम का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। सीएम ने कहा कि – “जल ही जीवन है, इसे बचाने के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे। सरकार अपना काम कर रही है लेकिन जनभागीदारी के बिना लक्ष्य पूरा नहीं होगा।” बैठक में जल जीवन मिशन, नमामि गंगे और हर घर जल योजना की भी समीक्षा की गई।