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Wednesday, October 8, 2025

याद किया जाएगा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ‘जीरो टॉलरेंस’ वाला कार्यकाल

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शरद कटियार

उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई मुख्यमंत्री आए और गए, लेकिन योगी आदित्यनाथ का कार्यकाल आने वाले वर्षों तक एक प्रशासनिक अनुशासन, कड़े निर्णयों और ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के लिए याद किया जाएगा। यह वह दौर था जब उत्तर प्रदेश केवल एक राज्य नहीं, बल्कि गवर्नेंस का मॉडल बनता गया। अपराधियों और माफियाओं पर सीधा प्रहार, कानून व्यवस्था को बिना समझौते के सख्ती से लागू करना, और सरकारी तंत्र को जवाबदेह बनाना—इन सभी बातों ने योगी सरकार को एक अलग पहचान दिलाई।

“जीरो टॉलरेंस” सिर्फ एक नारा नहीं रहा, बल्कि यह नीतियों का केंद्रबिंदु बना। अपराधियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोज़र चलाना, गुंडों और भ्रष्टाचारियों पर सीधी कार्रवाई करना, और पुलिस प्रशासन को बेहतर कार्य संस्कृति की ओर प्रेरित करना इस कार्यकाल की विशेषता रही। अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी जैसे नाम कभी कानून से ऊपर माने जाते थे, लेकिन योगी सरकार ने उन्हें कानून के कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया।

सरकारी विभागों में वर्षों से व्याप्त भ्रष्टाचार पर आर-पार की लड़ाई का ऐलान मुख्यमंत्री योगी ने किया और उसे जमीन पर भी उतारा। रजिस्ट्री कार्यालयों से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक, पारदर्शिता को मजबूती मिली। कई अफसरों को समय से पहले अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई, यह दिखाने के लिए कि अब “सरकारी नौकरी” भी जवाबदेही के साथ जुड़ी है।

योगी सरकार ने डिजिटल इंडिया के विज़न को जमीनी स्तर पर उतारा। CM हेल्पलाइन 1076, ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल्स, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) जैसी योजनाओं ने विकास को गति दी और जनता की भागीदारी को बढ़ावा दिया। पुलिस सुधार, ई-एफआईआर, और विजिलेंस सेल को और सक्रिय किया गया, जिससे जन-सुनवाई प्रभावी हुई।

मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या, काशी और मथुरा को न सिर्फ धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर मजबूत किया, बल्कि इन स्थानों को आर्थिक विकास का केंद्र भी बनाया। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और राम मंदिर निर्माण जैसे ऐतिहासिक कार्यों ने पूरे देश की दृष्टि उत्तर प्रदेश पर केंद्रित कर दी।

हालांकि, हर शासन की तरह योगी सरकार के समक्ष भी कई बड़ी चुनौतियाँ थीं — कोविड-19, बेरोजगारी, शिक्षा में सुधार, और किसान समस्याएँ। परंतु योगी ने इनमें से अधिकतर विषयों पर नीतिगत स्पष्टता और निर्णय क्षमता दिखाई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कार्यकाल सिर्फ शासन नहीं था, यह एक नीति और दृष्टिकोण का मॉडल था। जीरो टॉलरेंस केवल अपराधियों के खिलाफ नहीं, बल्कि हर उस प्रणाली के खिलाफ था जो जनता की सेवा में बाधा बनती थी।

आने वाले वर्षों में जब इतिहासकार उत्तर प्रदेश की राजनीति का मूल्यांकन करेंगे, तब योगी युग को अनुशासन, दृढ़ नेतृत्व और निर्णायक शासन के उदाहरण के रूप में याद किया जाएगा।

शरद कटियार

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