– महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन में 21 हजार लोगों ने किया सामूहिक योगाभ्यास
गोरखपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर गोरखपुर स्थित महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में आयोजित ‘सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम’ का नेतृत्व किया। इस मौके पर उन्होंने योग को “भारत की सांस्कृतिक विरासत और वैश्विक जीवनशैली समाधान” बताया।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 6:30 बजे वैदिक मंत्रों के उच्चारण और सूर्य नमस्कार से हुई, जिसमें मुख्यमंत्री स्वयं योगगुरु के रूप में उपस्थित रहे। योग सत्र में विभिन्न योगासनों का अभ्यास कराया गया, जिसमें ताड़ासन, वज्रासन, भुजंगासन, त्रिकोणासन, प्राणायाम और ध्यान प्रमुख रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा,
“योग ने पूरी दुनिया को भारत की आध्यात्मिक शक्ति से परिचित कराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से 2015 से संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया और आज यह 180 से अधिक देशों में मनाया जाता है।”
उन्होंने कहा कि योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं बल्कि मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक जागृति का मार्ग है। कार्यक्रम में उन्होंने युवाओं, अधिकारियों, डॉक्टरों और शिक्षकों से आह्वान किया कि वे योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं।
कार्यक्रम स्थल पर 5 एम्बुलेंस, 8 डॉक्टरों की टीम, तथा 120 स्वयंसेवकों की ड्यूटी लगाई गई थी।
2 ड्रोन कैमरे से निगरानी और 12 CCTV कैमरे से सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई।
इस मौके पर हजारों स्कूली बच्चों, पुलिसकर्मियों, स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया। पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सोशल मीडिया और सरकारी चैनलों पर किया गया।
योग, जीवन की समग्रता को समझने और स्वस्थ समाज निर्माण का सबसे प्रभावी माध्यम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योग को सभी स्कूलों और सरकारी संस्थानों में अनिवार्य रूप से शामिल करने की योजना का संकेत भी इस अवसर पर दिया।