लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज हरदोई, शाहजहांपुर, और हापुड़ जिलों में गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि परियोजना के कार्यों को समयबद्ध और गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप पूर्ण किया जाए। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्माण की गति और कार्य की गुणवत्ता की स्थिति पर भी टिप्पणी की और सुनिश्चित किया कि परियोजना में कोई भी देरी नहीं हो।
गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर विकास परियोजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य राज्य के विभिन्न हिस्सों को जोड़ते हुए आर्थिक और परिवहन नेटवर्क को सुदृढ़ करना है। परियोजना की कुल लंबाई 594 किलोमीटर है और इसकी अनुमानित लागत ₹36,230 करोड़ है। यह एक्सप्रेस-वे हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, बिजनौर, मेरठ, गाजियाबाद, और आगरा जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ने का कार्य करेगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण से आधुनिक कनेक्टिविटी का एक नया चरण शुरू होगा, जो प्रदेश की आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अतिरिक्त, यात्रा के समय में कमी और सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी अपेक्षित कमी देखी जा सकती है। निर्माण से जुड़े 10,000 से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने परियोजना की समय सीमा के भीतर पूरी होने की अपेक्षाएं जताई और अधिकारियों को इस संबंध में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं करने की सलाह दी। अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण कार्य के साथ साथ निर्माण कार्य में प्रयुक्त सामग्रियों के मानकों की जांच करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की पूर्णता के बाद, यह राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर के एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में कार्य करेगा, जो राज्य की आर्थिक संरचना और कनेक्टिविटी में सुधार लाएगा।