मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिरसा मुंडा के 150वें जयंती वर्ष को बताया ऐतिहासिक; जनजातीय परंपराओं, रोजगार और सम्मान पर की विस्तृत चर्चा
लखनऊ।
राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आज से शुरू हुआ ‘जनजाति भागीदारी उत्सव’ (13–18 नवंबर) जनजातीय समाज की गौरवशाली परंपराओं, समृद्ध संस्कृति और राष्ट्रीय योगदान को समर्पित रहा। यह आयोजन भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष संबोधन दिया।
मंच पर पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
जनजातीय समाज की संस्कृति और गौरव को स्थापित करने का प्रयास—सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर कहा कि जनजातीय समुदाय को अपनी संस्कृति और परंपरा पर गर्व महसूस हो, इसके लिए प्रदेश सरकार लगातार संकल्पित है। यह वर्ष हमारे लिए कई मायनों में ऐतिहासिक है और जनजातीय समाज के योगदान को याद करने का महत्वपूर्ण अवसर भी।
उन्होंने कहा—
> “धरती आबा बिरसा मुंडा भारतीय स्वतंत्रता के महान अग्रदूत थे। उन्होंने ‘अपना देश और अपना राज्य’ का नारा देकर जनजातीय समुदाय को स्वाभिमान और संघर्ष की प्रेरणा दी। आज का उत्सव उनके विचारों को पुनः जीवित करने का अवसर है।”
मुख्यमंत्री ने रोजगार और सामाजिक संवेदनशीलता पर बात करते हुए कहा कि एक समय था जब—
> “सरकारी नौकरी के विज्ञापन में अनुसूचित जनजाति की सीटें खाली रह जाती थीं, आवेदन ही नहीं आते थे।”
सरकार की नीतियों और जनजातीय समुदाय के बीच बढ़ते विश्वास को इसका सकारात्मक परिणाम बताते हुए उन्होंने कहा कि अब स्थितियाँ बदल चुकी हैं और युवाओं का उत्साह बढ़ा है।
उत्सव के उद्घाटन में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। दोनों मंत्रियों ने इस आयोजन को “जनजातीय समाज के लिए सम्मान और अवसर दोनों का संगम” बताया।






