लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में तीन दिवसीय रोजगार महाकुंभ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में जब कोरोना महामारी आई थी, तब करीब 40 लाख मजदूर प्रदेश लौटे थे। सरकार ने “एक जिला एक उत्पाद” (ODOP) योजना के माध्यम से उन सभी को काम उपलब्ध कराने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले रोजगार की तलाश में प्रदेश के गांव-गांव से पलायन होता था, लेकिन आज लोगों को अपने ही राज्य में रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘आत्मनिर्भर भारत’ की अवधारणा और ‘वोकल फॉर लोकल’ के नारे का उल्लेख करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश से ही आत्मनिर्भर भारत का निर्माण संभव है। उन्होंने युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए और कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना के तहत लाखों लोगों को रोजगार मिल चुका है।
इस अवसर पर श्रम मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि आजादी के बाद 2017 तक जितने कारखाने रजिस्टर्ड नहीं हुए थे, उससे कहीं ज्यादा सीएम योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में हुए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए पूरी तरह संकल्पित है।
रोजगार महाकुंभ में देश-विदेश की 100 से अधिक नामी कंपनियों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। महाकुंभ का लक्ष्य करीब 50 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है। इसमें आठवीं पास से लेकर परास्नातक और डिप्लोमा इंजीनियरिंग तक की शैक्षिक योग्यता वाले युवा भाग ले सकते हैं।
सेवायोजन विभाग की निदेशक नेहा प्रकाश ने बताया कि रोजगार महाकुंभ में तीन मंचों के माध्यम से युवाओं को उनकी योग्यतानुसार शहर, प्रदेश और विदेशों में भी अवसर मिलेंगे। इस दौरान कंपनियां ऑन-स्पॉट इंटरव्यू और प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित करेंगी। वहीं, रोजगार कॉन्क्लेव में विशेषज्ञ युवाओं से सीधी बातचीत करेंगे और प्रदर्शनी के जरिये प्रदेश की औद्योगिक नीतियों, कौशल विकास मॉडल और प्रगति की झलक दिखाई जाएगी।






