– 4 की मौत, 50 से ज्यादा लापता
– मलबे में दबी चीखों से कांपा पहाड़
– सेना के 150 कर्मी रहत एवं बचाव के लिए तैनात
– होटलों से निकलकर बदहवास भाग रहे थे लोग
– हेल्पलाइन नंबर – 01374222126, 01374222722 और 9456556431 जारी
उत्तरकाशी: धराली (Dharali) में बादल फटने (Clouds broke) से उत्तरकाशी जिले का खीर गंगा गांव मलबे में तबाह हो गया। मंगलवार दोपहर करीब 1 बजकर 45 मिनट पर यह घटना हुई, जब अचानक पहाड़ियों से तेज बहाव के साथ पानी और मलबा गांव की ओर आया और महज 34 सेकंड में सब कुछ बहा ले गया। हादसे के बाद मौके से आए वीडियो और तस्वीरों में तबाही का मंजर साफ नजर आ रहा था। ये तबाही किसी एक गांव की नहीं, बल्कि पहाड़ पर बसे हर उस इंसान की कहानी है, जो हर मानसून में कुदरत के मिजाज से डरता है — और इस बार, डर हकीकत बन गया।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने के बाद अचानक आई भयंकर बाढ़ ने ऐसा मंजर दिखाया, जिसे देखकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं। चंद सेकंडों में जो कुछ हुआ, वह सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा नहीं थी, बल्कि एक ऐसा दृश्य था जिसे देखकर पत्थर दिल भी कांप जाए। लोगों की घबराई हुई आंखें, मलबे में दबी चीखें, और वो पल जब किसी को समझ ही नहीं आया कि कहां भागें, कैसे बचें। पहाड़ से तेज रफ्तार में आया पानी और मलबा हर चीज को अपने साथ बहा ले गया। जो जहां था, वहीं फंस गया।
गांव के कई घर, दुकानें और होटल चंद पलों में जमींदोज हो गए। धराली का खीर गंगा गांव पूरी तरह मलबे में तब्दील हो चुका है। अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और पचास से ज्यादा लोग लापता हैं। मौके पर रेस्क्यू टीमें पहुंच चुकी हैं, लेकिन हर बीतता पल राहत से ज़्यादा बेचैनी बढ़ा रहा है। खीर गाढ़ गधेरा में अचानक आए उफान ने सड़क किनारे बसे होटलों, रेस्टोरेंट्स और घरों को चंद मिनटों में बहा दिया। पहाड़ से आए सैलाब को देखकर गांव में अफरा-तफरी मच गई। लोग चीखते-चिल्लाते नजर आए। देखते ही देखते कई घर, होटल और दुकानें मलबे में दब गए। धराली बाजार पूरी तरह बर्बाद हो गया है।
प्रशासन के मुताबिक अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि पचास से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। उत्तरकाशी के डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि मौके पर SDRF, NDRF की टीमों के साथ आर्मी भी पहुंच गई है। मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। इलाके में दो दिन से लगातार भारी बारिश हो रही थी, जिससे जमीन पहले से ही कमजोर हो चुकी थी।
बताते चलें कि धराली गांव देहरादून से करीब 218 किलोमीटर और गंगोत्री धाम से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर है। खीर गंगा में आई बाढ़ का असर हर्षिल हेलीपैड तक पहुंच चुका है। वहां भी जलभराव की स्थिति बन गई है। भागीरथी नदी के किनारे बसे गांवों को अलर्ट किया गया है। निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और राहत-बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए राहत और बचाव कार्यों को शीघ्रता से अंजाम देने के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। प्रभावित लोग और उनके परिजन मदद के लिए निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं – 01374222126, 01374222722 और 9456556431. इसके अतिरिक्त, डीईओसी (जिला आपातकालीन संचालन केंद्र) उत्तरकाशी भी समन्वय और आपदा प्रबंधन कार्य में सक्रिय है।
धराली उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक छोटा सा गांव है, जो गंगोत्री के पास हर्षिल एरिया से सिर्फ 2 किमी आगे ही है। यहां से गंगोत्री धाम 8-10 किलोमीटर दूर है। चारधाम यात्रा मार्ग पर पड़ने की वजह से धराली में बहुत सारे होटल, रेस्टोरेंट और होमस्टे हैं। इसकी वजह से बाढ़ में कई लोगों की मौत होने की आशंका है।
धराली गंगा नदी के तट पर बसा हुआ है। यह समुद्र तल से लगभग 2,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और हिमालय की गोद में बसा होने के कारण यह पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षक स्थल है। धराली को माँ गंगा का मायका (मुखबा) के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि गंगोत्री मंदिर सर्दियों में बंद होने पर माँ गंगा की मूर्ति को मुखबा गांव में लाया जाता है, जो धराली के पास है।
भारतीय सेना ने बताया कि मंगलवार दोपहर लगभग 1:45 बजे, हर्षिल स्थित भारतीय सेना शिविर से लगभग 4 किलोमीटर दूर, धराली गांव के पास बादल फटने से लैंडस्लाइड हुआ। सेना ने 150 कर्मियों को तैनात किया जो 10 मिनट के भीतर घटनास्थल पर पहुंच गए और तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया। अब तक 15-20 लोगों को सफलतापूर्वक निकाला जा चुका है, और घायलों को हर्षिल स्थित भारतीय सेना के चिकित्सा केंद्र ले जाया गया। सर्च और रेस्क्यू का काम चल रहा है। फंसे हुए लोगों का पता लगाने और उन्हें निकालने के लिए सभी संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है, और भारतीय सेना प्रभावित नागरिकों को हर संभव मदद कर रही है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने इस आपदा में हुई जन-धन की हानि पर संवेदना व्यक्त करते हुए प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति जताई है। गृह मंत्री ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर पूरी स्थिति की जानकारी ली। श्री शाह ने मुख्यमंत्री को केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) सहित सभी राहत एजेंसियों को तत्काल और प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। एनडीआरएफ की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों में जुट गई हैं।
पीएम मोदी ने उत्तरकाशी हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई है।