लखनऊ। प्रदेश में 29 नवंबर से 5 दिसंबर तक आयोजित ‘स्वच्छ वार्ड प्रतियोगिता’ (Clean Ward Competition) में प्रदेश के 12 हज़ार से अधिक वार्डों ने हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में लगभग 2200 वार्डों को ‘स्वच्छ वार्ड’ घोषित कर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना और स्वच्छता में सुधार के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना था।
इस सात दिवसीय प्रतियोगिता में स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति (एसवीपीएस) के 80 हज़ार से अधिक सदस्यों ने वार्डों का मूल्यांकन किया। मूल्यांकन में 6 प्रमुख मापदंडों पर 1100 अंकों के आधार पर स्वच्छता, सौंदर्यीकरण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, आईईसी गतिविधियां और नागरिक भागीदारी जैसे पहलुओं को शामिल किया गया।
वार्डों की स्वच्छता में योगदान देने वाले सफाई मित्रों को भी निकाय स्तर पर सम्मानित किया गया। प्रमुख सचिव श्री अमृत अभिजात की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के निर्देशों के तहत नगर विकास मंत्री श्री ए.के. शर्मा के मार्गदर्शन में यह प्रतियोगिता आयोजित की गई।
श्रमदान और स्वच्छता की शपथ
11 हज़ार से अधिक पार्षदों और सभासदों ने एसवीपीएस के सदस्यों के साथ श्रमदान किया और लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाई। इस दौरान ढाई लाख से अधिक लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया।
नगरीय निकाय निदेशालय के निदेशक श्री अनुज कुमार झा ने कहा, “स्वच्छता प्रतियोगिताएं न केवल जागरूकता बढ़ाने में मदद करती हैं, बल्कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल भी बनाती हैं। इससे निकायों, वार्डों और मोहल्लों को एक-दूसरे से प्रेरणा मिलती है, जिससे स्वच्छता में सुधार होता है।”
प्रत्येक निकाय के शीर्ष 3 वार्डों को ‘स्वच्छ वार्ड’ घोषित कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान सफाई मित्रों के प्रयासों को भी सराहा गया और उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।