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Sunday, July 20, 2025

स्टेट हेड अरुणी कुमार समेत एचयूआरएल अधिकारियों पर सीजेएम कोर्ट का शिकंजा

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                            – पूरा मामला अब डीजीपी के सामने रखेगा पीड़ित परिवार
                            – जनपद पुलिस पर नहीं भरोसा
                            – मिल रहीं झूठे मामले में अन्य को फसाने की धमकियां

फर्रुख़ाबाद: हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (HURL) के स्टेट हेड अरुणी कुमार समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) घनश्याम शुक्ला की अदालत ने बड़ा आदेश पारित करते हुए आईपीसी की धारा 173(4) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है। मामला गंभीर ठगी, अपहरण और जान से मारने की धमकी से जुड़ा है।

यह आदेश वादिनी पूनम सक्सेना पत्नी दिलीप सक्सेना, निवासी किराना बाजार, सदर कोतवाली फ़र्रुख़ाबाद की याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया गया। पूनम सक्सेना ने आरोप लगाया कि अरुणी कुमार व उनके सहयोगियों — धीरज कुमार और अवधेश सिंह — ने उनके पुत्र निशांत गौरव सक्सेना को धमकाते हुए, ₹13 लाख की ठगी की। इतना ही नहीं, उसे बंदी बनाकर मानसिक उत्पीड़न किया गया और दिल्ली जाते समय ट्रेन से फेंकने की धमकी भी दी गई।

प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि कंपनी के उनके जिला स्तरीय अधिकारी पुत्र को बंधक बनाया गया और जबरन जालसाजी कराने की कोशिश कर फसाने का चक्रव्यूह रचा गया। मामले में एच यू आर एल की विजिलेंस जांच पहले से ही चल रही है, जिसकी निगरानी केंद्रीय मंत्री तक कर रहे हैं।

पीड़िता की ओर से बार एसोसिएशन के महासचिव एवं वरिष्ठ अधिवक्ता कुंवर सिंह यादव ने प्रभावशाली पैरवी की। अदालत ने दिनांक 07 मई 2025 को आरोपों को गंभीर मानते हुए कोतवाली प्रभारी निरीक्षक फ़र्रूख़ाबाद को आदेश दिया है कि तीन दिन के भीतर प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना शुरू की जाए। कोर्ट ने साफ किया है कि जांच निष्पक्ष तरीके से की जाए और विवेचना का परिणाम न्यायालय को नियमानुसार प्रस्तुत किया जाए। वहीं बचाव पक्ष की ओर से एचयूआरएल अधिकारी धीरज कुमार ने अधिवक्ता राहुल परिहार के माध्यम से याचिका दायर की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया।

पीड़ित पक्ष ने बताया कि आरोपी अरुणी कुमार अब कार्यवाही वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं और निशांत को जान से मारने की धमकियां भी दिलवा रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी संज्ञान लिया है। इस मुकदमे के बाद अरुणी कुमार समेत अन्य अधिकारियों के निलंबन की संभावना जताई जा रही है।

पूनम सक्सेना ने कहा कि वह अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री की चौखट तक जाएंगी। उनका कहना है कि यह सिर्फ उनका व्यक्तिगत मामला नहीं, बल्कि सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ एक संघर्ष है।

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