फर्रुखाबाद: नगर क्षेत्र में नालों (drains) की सफाई न होने से जलभराव (waterlogging) और गंदगी (dirt) की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। बारिश के मौसम में यह समस्या और भी गंभीर हो गई है। शहर के कई मोहल्लों में नाले कचरे और मलबे से भरे पड़े हैं, जिससे जल निकासी अवरुद्ध हो रही है और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन पूरी तरह से निष्क्रिय बना हुआ है। नालों की सफाई न होने से गंदा पानी गलियों और घरों तक पहुंच रहा है। इससे मच्छरों की भरमार हो रही है और डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
नाला किनारे रहने वाले लोगों ने बताया कि कुछ लोग नालों में जानबूझकर कूड़ा फेंकते हैं, जिससे समस्या और भी विकराल हो जाती है। बारिश के साथ बहकर आने वाला मलबा भी नालों में जमा हो जाता है। कई जगह नालों के किनारे झाड़ियां और गंदगी इस कदर फैल गई है कि जंगली जानवरों का भी खतरा बढ़ गया है।
विशेषज्ञों की मानें तो नाले की नियमित सफाई बेहद जरूरी है, खासकर मानसून से पहले। लेकिन नगरपालिका प्रशासन की लापरवाही के चलते कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। न तो कूड़ा प्रबंधन की कोई योजना दिखाई दे रही है, न ही गंदगी फैलाने वालों पर कोई कार्रवाई की जा रही है।
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि नालों की जल्द से जल्द सफाई कराई जाए और नगर पालिका को नियमित निगरानी के निर्देश दिए जाएं। साथ ही जो लोग नालों में कूड़ा डालते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अगर प्रशासन ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है।