लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi) ने बिजली व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अब ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक बिजली (electricity) कटौती किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि बिजली अब सिर्फ एक सेवा नहीं, बल्कि जनता के विश्वास और शासन की जवाबदेही से जुड़ा विषय है।
मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश देते हुए हुए कहा कि ट्रिपिंग पर सख्ती: हर फीडर की तकनीकी जांच हो, खराब स्थानों की पहचान कर तत्काल सुधार करें। ओवरबिलिंग पर सख्त रवैया अपनाते हुए कहा,सभी उपभोक्ताओं को समय पर सटीक और पारदर्शी बिल मिले। फॉल्स बिलिंग की शिकायतें खत्म की जाएं।बिजली कटौती नहीं सहन होगी: शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे, तहसील स्तर पर 21.5 घंटे, और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे आपूर्ति को स्थिर बनाएं।
स्मार्ट मीटरिंग का विस्तार: अब तक 31 लाख उपभोक्ता स्मार्ट मीटर से जुड़े; जल्द ही ब्लॉक स्तर तक होगा विस्तार। लाइन लॉस कम करने का आदेश: हर डिस्कॉम को ठोस रणनीति बनाने के निर्देश। पारेषण और वितरण प्रणाली का आधुनिकीकरण तेज़ करने की हिदायत। बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी: घाटमपुर, मेजा, पनकी और खुर्जा परियोजनाओं के पूरा होने के बाद उत्पादन क्षमता 16,000 मेगावाट से अधिक होगी।
कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा पर ज़ोर: सभी ट्यूबवेलों को प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सौर ऊर्जा से जोड़ने के निर्देश। जून 2025 में उत्तर प्रदेश ने 31,486 मेगावाट की अधिकतम बिजली मांग सफलतापूर्वक पूरी की, 16,930 मिलियन यूनिट बिजली आपूर्ति कर नया रिकॉर्ड बनाया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बोले:
“अब बिजली व्यवस्था सिर्फ ट्रांसफार्मर और वायरिंग का विषय नहीं रही। यह जन अपेक्षा, शासन की संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व का प्रतिबिंब है। सुधार करें, नहीं तो कार्रवाई तय है।”
जवाबदेही तय होगी, हर नागरिक को निर्बाध बिजली, और कोई गलत बिल नहीं — ये मुख्यमंत्री के आज के संदेश की मुख्य धुरी रही।


