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Monday, July 7, 2025

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति: सुशासन का नया प्रतिमान

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शरद कटियार

उत्तर प्रदेश—जिसे कभी अपराध, माफिया राज और भ्रष्टाचार के लिए जाना जाता था—आज योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व में एक सशक्त, व्यवस्थित और कानूनप्रिय राज्य के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। योगी सरकार (yogi government) की सबसे विशिष्ट नीति रही है “जीरो टॉलरेंस”—अर्थात अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता। यह केवल नारा नहीं, बल्कि कार्य संस्कृति का हिस्सा बन चुका है।

“जीरो टॉलरेंस” नीति का मुख्य उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति, कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं हो सकता। योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही स्पष्ट कर दिया था—”कानून का राज स्थापित होगा, और जो नियम तोड़ेगा, उसे माफ नहीं किया जाएगा।” यह नीति योगी की साधु-सैनिक छवि से भी मेल खाती है, जिसमें संयम के साथ-साथ कठोरता भी है।

योगी सरकार ने माफियाओं के खिलाफ जो कठोर रुख अपनाया, उसने प्रदेश की राजनीति और सामाजिक व्यवस्था की दशा-दिशा ही बदल दी। अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी, विकास दुबे जैसे अपराधियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई। 6000 से अधिक अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट, NSA जैसी धाराएँ लगाई गईं। 2000 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्तियों को जब्त कर या बुलडोजर चला कर ध्वस्त किया गया। अपराधियों के नेटवर्क को ध्वस्त कर उनके राजनीतिक संरक्षण को भी तोड़ा गया।

उत्तर प्रदेश में अब बुलडोजर केवल एक मशीन नहीं, बल्कि न्याय का प्रतीक बन गया है। जनता को विश्वास हो गया है कि अपराध करने वालों पर न सिर्फ मामला दर्ज होगा, बल्कि उनकी अवैध कमाई से खड़ी की गई ताकत भी मिटा दी जाएगी। इससे आमजन में सुरक्षा का भाव मजबूत हुआ है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए ‘मिशन शक्ति’ जैसा बड़ा अभियान चलाया गया। हर थाने में महिला हेल्प डेस्क, पिंक बूथ, महिला बीट पुलिस, एंटी रोमियो स्क्वॉड और रात्रिकालीन गश्त को प्रभावी रूप से लागू किया गया।

योगी सरकार ने ई-गवर्नेंस, डिजिटल फाइलिंग, ई-टेंडरिंग और RTI को मजबूती देकर भ्रष्टाचार को कड़ा झटका दिया है। कई वरिष्ठ अधिकारियों को अकर्मण्यता और भ्रष्टाचार के कारण सेवा से हटाया गया, जिससे नौकरशाही में अनुशासन आया है। सुरक्षित उत्तर प्रदेश अब निवेशकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ₹33 लाख करोड़ से अधिक के प्रस्ताव मिले। जमीनी स्तर पर हजारों MSME इकाइयाँ खुली हैं। नोएडा, जेवर, कानपुर, लखनऊ जैसे शहर औद्योगिक केंद्रों में बदल रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर निर्माण, काशी कॉरिडोर, मथुरा विकास योजना जैसे धार्मिक कार्यों को पूरी गरिमा के साथ आगे बढ़ाया लेकिन साथ ही हर धार्मिक समुदाय को सुरक्षा दी। किसी भी उपद्रव या दंगे की स्थिति में प्रशासनिक सख्ती दिखाई दी, जिससे राज्य में साम्प्रदायिक हिंसा लगभग शून्य पर आ गई।

बुलडोजर कार्रवाई और पुलिस एनकाउंटर को विपक्ष और कुछ मानवाधिकार संगठनों ने “संवैधानिक प्रक्रिया की अनदेखी” करार दिया है। परंतु न्यायालयों ने अधिकांश मामलों में कार्रवाई को वैध ठहराया, जिससे सरकार की नीति को संवैधानिक वैधता भी प्राप्त हुई है। योगी सरकार ने केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं रहकर शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में भी सुधार लाया। सरकारी स्कूलों में ड्रेस, बैग, पुस्तक, फर्नीचर से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर तक में सुधार हुआ। मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी हुई, स्वास्थ्य सुविधाएँ बेहतर हुईं।

जीरो टॉलरेंस नीति के चलते ही योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता चरम पर है। 2022 में दोबारा पूर्ण बहुमत से सरकार बनाना इसका प्रमाण है। अब 2024 के आम चुनावों में भाजपा के अभियान में योगी आदित्यनाथ का चेहरा कानून-व्यवस्था और निर्णायक नेतृत्व का प्रतीक बन चुका है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति ने उत्तर प्रदेश की छवि को न केवल देश में बल्कि वैश्विक स्तर पर बदल दिया है। जहाँ कभी डर, अपराध और अराजकता की पहचान थी, अब वहाँ सुरक्षा, विकास और विश्वास की नई तस्वीर उभरी है। यदि यही नीति और भावना लगातार बनी रही, तो उत्तर प्रदेश भारत के अग्रणी राज्यों में एक आदर्श मॉडल बन सकता है।

शरद कटियार
ग्रुप एडिटर
यूथ इंडिया न्यूज ग्रुप

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