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Thursday, June 19, 2025

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सुशासन मॉडल — उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और विकास का नया युग

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शरद कटियार

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) का कार्यकाल एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ है। 2017 में जब उन्होंने सत्ता संभाली, तब प्रदेश अपराध, भ्रष्टाचार, माफिया राज और अराजकता की चपेट में था। आम जनता में शासन व्यवस्था को लेकर अविश्वास और भय का माहौल व्याप्त था। लेकिन चंद वर्षों में ही जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी ने न केवल प्रदेश की कानून व्यवस्था को मजबूत किया, बल्कि सुशासन का एक नया मॉडल प्रस्तुत किया, वह निःसंदेह ऐतिहासिक और अनुकरणीय है।

योगी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि अपराध नियंत्रण और माफिया राज का खात्मा मानी जा सकती है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि उत्तर प्रदेश अब अपराधियों और माफियाओं की शरणस्थली नहीं बनेगा। राज्य में अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाइयों की बात करें तो 2017 से 2023 के बीच पुलिस ने 10,000 से अधिक एनकाउंटर किए, जिनमें 186 दुर्दांत अपराधी मारे गए और 5,000 से अधिक घायल हुए। माफिया अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी, विकास दुबे जैसे नाम अब उत्तर प्रदेश की राजनीति और सामाजिक परिदृश्य से मिटाए जा चुके हैं। यह बदलाव केवल प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि जनता के आत्मविश्वास की पुनःस्थापना है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 3,300 करोड़ रुपये से अधिक की माफियाओं की संपत्तियां जब्त या ध्वस्त की गईं। ‘बुलडोजर बाबा’ की संज्ञा प्राप्त योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर नकेल कसी गई, जिससे गरीब और मध्यमवर्गीय जनता को बड़ी राहत मिली। महिला सुरक्षा के क्षेत्र में भी योगी सरकार ने कई क्रांतिकारी पहलें की हैं। मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत महिलाओं को जागरूक करने, आत्मरक्षा सिखाने और सुरक्षा का वातावरण देने की कोशिश की गई। 1090 वूमेन पावर लाइन को और मजबूत किया गया। महिला थानों की स्थापना, पिंक बूथ और विशेष महिला पुलिस दलों की तैनाती जैसे कदमों से महिला सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई।

आज उत्तर प्रदेश में महिलाएं अधिक सुरक्षित महसूस कर रही हैं और शिकायत दर्ज कराने की दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मिशन शक्ति के तहत 7 करोड़ से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लाभ मिला है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और डिजिटल प्रणाली को प्राथमिकता दी गई। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों को मिला, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हुई।

पीएम आवास योजना के अंतर्गत 1.60 करोड़ घरों का निर्माण हुआ, 15 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला। शौचालय निर्माण, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत योजना आदि योजनाओं में उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया।

ऑनलाइन सेवाओं को बढ़ावा देकर योगी सरकार ने सरकारी प्रक्रियाओं को आसान और पारदर्शी बनाया। जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, जाति और निवास प्रमाणपत्र से लेकर नगर निगम के टैक्स भुगतान तक की व्यवस्था डिजिटल हो चुकी है। उत्तर प्रदेश अब निवेश के क्षेत्र में भी अग्रणी बन गया है। 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।

अनुमान के अनुसार, इससे 1 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित होंगे। राज्य में औद्योगिक गलियारों का निर्माण, डिफेंस कॉरिडोर, मेडिकल पार्क, फिल्म सिटी, टेक्सटाइल पार्क जैसी परियोजनाओं से निवेशकों को आकर्षित किया गया है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, गोरखपुर, जेवर आदि शहर विकास के नये मॉडल बन रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही योजनाओं को मुख्यमंत्री योगी ने ज़मीनी स्तर पर लागू कर दिखाया है। यही कारण है कि आज यूपी देश की अर्थव्यवस्था में एक अहम भूमिका निभा रहा है। योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश ने न केवल कानून व्यवस्था और विकास में प्रगति की, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण में भी ऐतिहासिक कार्य किए। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण हो रहा है, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बन चुका है, मथुरा-वृंदावन का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।

इन परियोजनाओं ने प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया है, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिला है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिला है। कोरोना महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली ने पूरे देश में मिसाल कायम की। दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में से एक होते हुए भी यूपी ने टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट की प्रभावशाली रणनीति अपनाई। लाखों प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षित घर पहुँचाया गया, राशन और चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाई गईं।

सरकार द्वारा शुरू की गई कोविड हेल्प डेस्क, कोविड केयर सेंटर, ऑक्सीजन आपूर्ति प्रणाली और वैक्सीनेशन अभियान ने उत्तर प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों की सूची में ला खड़ा किया। आज उत्तर प्रदेश न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि वैश्विक मंचों पर भी चर्चा का विषय बन चुका है। टाइम मैगजीन, बीबीसी, वॉशिंगटन पोस्ट जैसी अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थाओं ने योगी मॉडल की तारीफ की है।

विदेशी कंपनियों का उत्तर प्रदेश में निवेश करना, अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों में यूपी का प्रतिनिधित्व करना इस बात का प्रमाण है कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की पहचान बदल चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यकाल इस बात का उदाहरण है कि यदि नेतृत्व में दृढ़ संकल्प, ईमानदारी और नीतिगत स्पष्टता हो तो सबसे जटिल प्रदेश को भी विकास और कानून व्यवस्था की दिशा में अग्रसर किया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश की जनता को अब अपने राज्य पर गर्व है। यह बदलाव केवल आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि यह आमजन की जिंदगी में आया वह बदलाव है, जिसे महसूस किया जा सकता है। योगी मॉडल एक ऐसा मॉडल बन गया है, जिसे भारत के अन्य राज्यों के साथ-साथ विकासशील देशों में भी अपनाया जा सकता है। अब जबकि प्रदेश 2027 की ओर बढ़ रहा है, जनता की अपेक्षाएं और बढ़ गई हैं। लेकिन योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली, प्रशासनिक सख्ती और जनकल्याण की प्रतिबद्धता को देखकर कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश अब पीछे नहीं लौटेगा — यह एक नए भारत के निर्माण की अग्रिम पंक्ति में खड़ा राज्य बन चुका है।

शरद कटियार

प्रधान संपादक, दैनिक यूथ इंडिया

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