गड्ढामुक्ति अभियान की समीक्षा, पीडब्ल्यूडी ने 84.82% प्रगति दर्ज की
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने मॉनसून के चलते खराब हुई सड़कों की मरम्मत व नवीनीकरण कार्यों को तेज़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा, दशहरा, दीपावली और छठ जैसे बड़े पर्वों से पहले सभी मुख्य मार्ग पूरी तरह बेहतर स्थिति में हों, ताकि आमजन को किसी भी तरह की असुविधा न हो।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश की 6,78,301 सड़कों (कुल लंबाई 4,32,989 किमी) में से 44,196 किमी को गड्ढामुक्त बनाने का लक्ष्य है, जिसमें अब तक औसतन 21.67% प्रगति हुई है। मुख्यमंत्री ने एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, ग्राम विकास, पंचायती राज, नगर विकास, सिंचाई, गन्ना एवं चीनी विकास सहित विभिन्न विभागों की समीक्षा की और धीमी प्रगति वाले विभागों को चेताया।
नगर विकास विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगमों में अवस्थापना संबंधी कार्य समय से और पारदर्शिता के साथ पूरे हों, अन्यथा महापौरों के अधिकारों पर पुनर्विचार होगा। साथ ही उन्होंने नगर निगमों को ईईएसएल का बकाया भुगतान तत्काल कराने का निर्देश दिया। सड़क नवीनीकरण कार्यों में 31,514 किमी सड़कें शामिल हैं। पीडब्ल्यूडी ने इसमें 84.82% प्रगति दर्ज की है। वहीं, रेस्टोरेशन और विशेष मरम्मत में चिन्हित 2,750 किमी सड़कों पर ग्रामीण विकास विभाग ने 62.99%, नगर विकास विभाग ने 35.50% और औद्योगिक विकास विभाग ने 48.77% प्रगति दर्ज की है।
त्योहारों को ध्यान में रखते हुए 649 मार्गों को संतोषजनक और 114 मार्गों को असंतोषजनक पाया गया। मुख्यमंत्री ने इन मार्गों को तुरंत सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि त्योहारों के समय सड़कें प्रदेश की छवि से जुड़ी होती हैं, इसलिए किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर की रूपरेखा पर भी विमर्श किया। उन्होंने कहा कि अब तक ज्यादातर एक्सप्रेसवे व राजमार्ग पूर्व-पश्चिम दिशा में केंद्रित हैं, जबकि नेपाल सीमा से लेकर प्रदेश के दक्षिणी छोर तक जिलों को जोड़ने वाला उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर तैयार किया जाना चाहिए। इसके लिए एनएचएआई से सहयोग और राज्य स्तर पर निर्माण एवं चौड़ीकरण कार्य कराने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि यह अभियान सीधे प्रदेशवासियों की सुविधा और सुरक्षा से जुड़ा है। इसलिए पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और समयबद्धता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और कार्यों की दैनिक निगरानी के साथ शासन स्तर पर नियमित रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए।